जयपुर, 8 मार्च 2022: संसदीय कार्य मंत्री शांती कुमार धारीवाल ने मंगलवार को विधानसभा में वित्त मंत्री की ओर से कहा कि एमनेस्टी स्कीम-2022 के अंतर्गत कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को शामिल किया गया है और न्यायालय में लंबित प्रकरणों को भी इसमें शामिल किए गए है।
धारीवाल ने प्रश्नकाल में विधायकों द्वारा इस संबंध में पूछे पूरक प्रश्नों के जवाब बताया कि पहले की एमनेस्टी स्कीम में राज्य सरकार को 496 करोड  रूपये का नकद राजस्व प्राप्त हुआ था और 2496 करोड़ रूपये के बकाया कर माफ किए गए थे। इसका परिणाम निकला कि कई प्रकरण निस्तारित हो गए। अब वर्ष 2022 में भी एमनेस्टी स्कीम लाई गई जिसके अंतर्गत कई महत्वपूर्ण बिंदुओं को शामिल किया गया है।
उन्होंने बताया कि इस स्कीम में न्यायालय में लंबित प्रकरणों को भी शामिल किया गया है। स्कीम के अंतर्गत 40 प्रतिशत बकाया जमा कराने पर 60 प्रतिशत तक छूट के साथ-साथ ब्याज, शास्ति, उपार्जित ब्याज को भी माफ किया जा रहा है। साथ ही स्कीम के अंतर्गत सरकारी विभागों, निगमों, उपक्रमों व रक्षा विभाग के विरूद्व लंबित मांगों को भी माफ किया गया है। उन्होंने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि किसी के पास कोई भी चल या अचल संपत्ति नहीं होने पर उसकी सभी बकाया मांग इस स्कीम के अतर्गत माफ की गई है।
इससे पहले धारीवाल ने विधायक ज्ञानचंद पारख के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में बताया कि पाली जिले में जीएसटी लागू होने के पूर्व की अवधि (अर्थात् 01.07.2017 तक) के विभिन्न करों के 19371 विवादित प्रकरण लम्बित थे। एमनेस्टी स्कीम 2021 के अन्तर्गत विवादित प्रकरणों में से दिनांक 6 मार्च, 2022 तक 15700 प्रकरणों का निस्तारण कर दिया गया है। उन्होंने शेष 3671 प्रकरणों की सूची को सदन के पटल पर रखा।
धारीवाल ने बताया कि एमनेस्टी स्कीम-2021 में विलिंगनेस हेतु प्रार्थना पत्र प्रस्तुति की अवधि दिनांक 31 अक्टूबर 2021 को समाप्त हो चुकी थी। लेकिन बजट 2022-23 में नयी एमनेस्टी स्कीम 23 फरबरी, 2022 को अधिक छूट के साथ लायी गयी है। इस स्कीम के तहत विलिंगनेस प्रस्तुत करने की अवधि दिनांक 31 अगस्त, 2022 रखी गयी है।