नई दिल्ली, 20 मई, 2021: अमेरिका और कनाडा के 12-15 साल के बच्चों को फाइजर की वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद, अब सिंगापुर और UAE ने भी 12-15 साल के बच्चों को फाइजर की कोरोना वैक्सीन दिए जाने की मंजूरी दे दी है। इसके अलावा यूरोपियन मेडिकल एजेंसी भी बच्चों को फाइजर की वैक्सीन दिए जाने पर विचार-विमर्श कर रही है। यह फैसला कोरोना की बढ़ती लहर को देखते हुए किया गया है, क्योंकि बीते साल की तुलना में इस साल कोरोना का संक्रमण बच्चों में भी बड़ी तेजी से फेलता दिख रहा है।

भारत में भी विशेषज्ञों का यह मानना है कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है। भारत में अब तक बच्चों की वैक्सीन को मंजूरी नहीं मिल पायी हैं।

सिंगापुर में फाइजर की वैक्सीन अब तक केवल 16 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों को दी जा रही थी। कुछ सप्ताह पहले सिंगापुर के स्कूली बच्चे कोरोना से संक्रमित पाए गए, इस वजह से सिंगापुर में स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया। अधिकांश केस या तो मामूली लक्षण वाले थे या फिर बिना लक्षण के थे। संक्रमण उन बच्चों में ज्यादा फैला जो ट्यूशन पढ़ने जाते हैं।

सिंगापुर ने फाइजर की वैक्सीन को मंजूरी उसकी सबसे असरदार होने के दावों की वजह से दी। सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्री के अनुसार 12-15 साल के बच्चों में फाइजर की वैक्सीन 100% तक फायदेमंद रही है, इसलिए इस वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दी जा रही है।

UAE अगले सत्र से स्कूल खोलने जा रही है, इसलिए UAE ने भी 12-15 साल के बच्चों के लिए फाइजर की वैक्सीन को मंजूरी दे दी हैं।

भारत में कब मिलेगा बच्चों को वैक्सीन?

कोरोना की तीसरी लहर की आशांकाओ की वजह से ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को 2-18 वर्ष के बच्चों के लिए दूसरी और तीसरी चरण की ट्रायल की मंजूरी दी है। यह ट्रायल 10,12 दिनों में शुरू हो सकता है। मगर बच्चों को वैक्सीन कब से दी जाएगी ये स्पष्ट रूप से बताया नहीं गया है।