नई दिल्ली: राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस का कमिश्नर नियुक्त किया गया है। उन्हें सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक के पद से मुक्त कर दिया गया है, जो उन्होंने लगभग एक साल तक संभाला था। अगस्त 2019 में, उन्हें नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया था। वह इससे पहले केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के विशेष निदेशक का पद भी संभाल चुके हैं।

राकेश अस्थाना 31 जुलाई, 2022 तक एक वर्ष की अवधि के लिए दिल्ली पुलिस के आयुक्त होंगे। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार, उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि 31 जुलाई, 2021 थी, लेकिन जनहित में विशेष मामला के तहत इसे एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है।

भारतीय पुलिस सेवा के 1984 बैच के गुजरात कैडर के अधिकारी, उन्हें अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित प्रदेश (AGMUT) कैडर में प्रतिनियुक्त किया गया है।

एक आधिकारिक ज्ञापन में, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा कि भारत तिब्बत सीमा पुलिस के महानिदेशक एसएस देसवाल अगले आदेश जारी होने तक बीएसएफ महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार संभालेंगे।

राकेश अस्थाना 2018 में ‘सीबीआई बनाम सीबीआई’ मामले से सुर्खियों में आए थे। सीबीआई के तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा के साथ उनका विवाद चल रहा था। उस समय, अस्थाना ने केंद्रीय एजेंसी में सीबीआई के विशेष निदेशक का पद संभाला था।

उनके खिलाफ रिश्वत और रंगदारी का मामला दर्ज होने के बाद 2018 में सीबीआई से हटा दिया गया था। उन्होंने उस वक्त आरोप लगाया था कि आलोक वर्मा के इशारे पर ऐसा किया गया। 

आलोक वर्मा को भी एजेंसी छोड़ने के लिए कहा गया और उन्हें डीजी फायर सर्विसेज के रूप में स्थानांतरित कर दिया गया, जिसमें वे कभी ज्वाइन नहीं किया।

राकेश अस्थाना का नाम पेगासस स्पाईवेयर में भी आया है जो हाल ही में भड़की थी। इजरायली स्पाईवेयर पेगासस के जरिए हैकिंग के करीब 300 संभावित लक्ष्यों की लीक सूची में अस्थाना और आलोक वर्मा दोनों के नाम कथित तौर पर शामिल थे।