पटना: बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ० निखिल आनंद ने बिहार सरकार के मंत्री रामसूरत राय पर नेता विपक्ष द्वारा अनर्गल लांछन लगाने पर आपत्ति जताते हुए कहा है कि तेजस्वी यादव को रामसूरत राय के यादव होने से दिक्कत है इसलिए वे उनका चरित्र हनन करना चाहते हैं।
निखिल ने कहा कि लालू जी के परिवार के लोग यादवों को बंधुआ मजदूर बनाकर इस समाज की राजनीतिक ठेकेदारी करना चाहते हैं और ये कभी नहीं चाहते कि कोई भी दूसरा यादव नेता नेतृत्व के स्तर पर स्थापित हो और मंत्री, मुख्यमंत्री या केंद्रीय मंत्री बने। दुर्भाग्यपूर्ण है कि यादवों के नाम पर राजनीति करने वाले राजद नेता ने दूसरे दल के यादव नेताओं के चरित्र हनन की सुपारी ले ली है। तेजस्वी यादव को राम सूरत राय पर बयान देने से पहले लालू जी से पूछ लेना चाहिए कि स्वर्गीय अर्जुन राय कौन थे जिनके बेटे राम सूरत राय है जिनका परिवार सात पुश्तों से बेदाग है।
डॉ० निखिल आनंद ने कहा कि लालू जी ने अनूप लाल यादव, विनायक प्रसाद यादव, गजेंद्र प्रसाद हिमांशु, देवेंद्र यादव सहित अनगिनत यादव नेताओं को जीते जी खत्म किया है। राम लखन सिंह यादव, दरोगा प्रसाद राय, बी०पी०मंडल जैसे लोकप्रिय यादव नेताओं के परिवार की उपेक्षा और बेइज्जती करने में लालू जी ने कभी कोई कोर कसर नहीं छोड़ा। अब तेजस्वी उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए चंद्रिका राय, नित्यानंद राय, रामसूरत राय ही नहीं उनके परिवार को गाहे बगाहे निशाना बनाते रहे है जो उनकी व्यक्तिगत अक्षमता और राजनीतिक कुंठा का परिचायक है। तेजस्वी यादव को राम सूरत राय के खिलाफ झूठ और प्रोपेगेंडा फैलाकर चरित्र हनन की साजिश रचने के लिए सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए।