नई दिल्‍ली, 30 जून 2021:  खाद्य तेल (Edible Oil) की बढ़ती कीमतें जल्‍द नीचे आएंगी। सरकार ने क्रूड पाम ऑइल (Crude Palm Oil ) पर लगने वाली इम्पोर्ट ड्यूटी (Import duty) की मानक दर को घटाकर 10 फीसदी कर दिया है। अन्य पाम ऑयलों पर यह 37.5 फीसदी होगी। यह फैसला 30 जून से 30 सितंबर तक के लिए है।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने मंगलवार रात जारी अधिसूचना में कहा है कि कच्चे पाम ऑयल पर मानक सीमा शुल्क (BCD) दर संशोधित कर 10 फीसदी कर दी गयी है। यह अधिसूचना बुधवार से प्रभावी है। कच्चे पाम ऑयल पर 10 फीसदी के मूल आयात शुल्क के साथ प्रभावी आयात शुल्क 30.25 फीसदी होगी। जबकि रिफाइंड पाम ऑइल (Refined Palm Oil) के लिए यह शुल्क बुधवार से 41.25 फीसदी हो गया है।

सीबीआईसी ने ट्वीट कर कहा की, लोगों को राहत देने के लिए सरकार ने कच्चे पाम ऑयल पर सीमा शुल्क 35.75 फीसदी से घटाकर 30.25 फीसदी और रिफाइंड पाम ऑयल पर 49.5  से  41.25 फीसदी कर दिया है। जिससे घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों में कमी आएगी।

सरकार का कदम सही

सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के कार्यकारी निदेशक बीवी मेहता ने कहा कि सरकार ने उपभोक्ताओं और किसानों दोनों के हितों को संतुलित करने की कोशिश की है। इससे लोगों को तत्काल राहत मिलेगी, जबकि किसानों की रक्षा की जाएगी क्योंकि अक्टूबर में कटाई के मौसम के शुरू होने पर शुल्क फिर से बढ़ाया जाएगा।

खाद्य तेल की खपत

देश के कुल खाद्य तेल की खपत में पाम तेल का हिस्सा 60 फीसदी से ज्‍यादा है। भारत ने मई 2020 में 4,00,506 टन पाम ऑयल का आयात किया था।  2021 में  वनस्पति तेलों का कुल आयात 68 % बढ़कर 12.49 लाख टन हो गया।

कच्चा तेल और सोने के बाद पाम ऑयल भारत का तीसरा सबसे बड़ा आयात किया जाने वाला जिंस है। भारत खाद्य तेल का दुनिया का सबसे बड़ा आयात करने वाला देश है और मलेशिया, इंडोनेशिया सहित दूसरे देशों से सालाना लगभग 1.5 करोड़ टन खाद्य तेल खरीदता है। सरकार ने इस महीने की शुरुआत में पाम ऑयल समेत खाद्य तेलों के आयात शुल्क मूल्य में भी 112 डालर प्रति टन तक की कमी की थी। इससे भी घरेलू कीमतों को कम रखने में मदद मिली है।