नई दिल्ली, 21 मई, 2021: इंसानो मे कोरोना संक्रमण का सही-सही आरटीपीसीआर जाँच की तरह सटीक रूप से पता लगा सकने में पता लगाने में कुत्ते सक्षम हैं। ये बात सुनके थोड़ा आश्चर्य होगा लेकिन फ्रांसीसी वैज्ञानिकों ने आपने शोध मे पाया कीसूंघने की शक्ति के लिए ट्रेण्ड किए गए कुत्ते, इंसान के पसीने की महक से उनमें कोरोना संक्रमण है या नहीं ये पता लगा सकते हैं। ये कुत्ते कोरोना स्क्रीनिंग करने में भी सक्षम है जबकि रैपिड एंटीजन टेस्ट से संक्रमण का पता लगने मे कम-से-कम 15 मिनट का समय लगता है।

पेरिस के नेशनल वेटनरी स्कूल ऑफ एलफोर्ड के शोधकर्ताओं का यह दावा है कि कुत्ते अपने सूंघने की क्षमता से इंसानो मे कोरोना संक्रमण का 97% तक सटीक पता लगा सकता है। रिसर्चर डॉमिनिक ग्रैंडजीन ने बताया कि इंसान का शरीर कोरोना के खिलाफ जो प्रतिक्रिया देता है, वह उसके पसीने और वह उसके पसीने और सलाइवा मे भी दिखता है जिससे कुत्ते पसीना सूंघकर पता कर सकते हैं।

ग्रैंडजीन का मानना है कि अब तक कुत्तो को किसी विस्फोटक या ड्रग्स का पता लगाने के लिए ही ट्रेंड किया जाता था लेकिन कोरोना समय मे ऐसा पहली बार हुआ है कि उनकी सूंघने की क्षमता का इस्तमाल कर वायरस संक्रमित लोगो का पता लगाया जा सके। कुत्ते की सूंघने की क्षमता को लेकर एक अन्य शोध चल रहा है। इसे पेनेसोल्वेनिया स्कूल ऑफ़ वेटनरी मेडिसिन ड्रग सेंटर द्वारा किया जा रहा है, जिसमें ये पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि कुत्ता वैक्सीन लगवा चुके लोगों और संक्रमित लोगो के बीच अंतर कर पाएंगे या नहीं। अगर ये बात संभव हुई तो ट्रेनिंग किए कुत्तो की मांग बहुत ज़्यादा बढ़ जाएगी।

एक इंटरनेशनल टास्क फोर्स ने यह पाया है कि एक खोजी कुत्ता एक दिन मे 300 लोगों की कोरोना स्क्रीनिंग करने में सक्षम है और इसके लिए लोगों से डायरेक्ट कांटेक्ट मे आने की भी जरूरत नहीं होगी। जिस प्रकार से एंटीजन जाँच करने के लिए नाक से नमूने लेने की जरूरत पड़ती है, इस तरह का संपर्क नहीं करना पड़ेगा और बहुत जल्दी, साथ ही कम संसाधन में कोरोना जाँच हो सकेगा। इस टास्क फोर्स का समन्वय WHO द्वारा किया गया जो कि खोजी कुत्तो के कोरोना स्क्रीनिंग मे इस्तमाल के लिए बनाई गई है।

फिनलैंड के हेलसिंकी-वांता इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर संक्रमित यात्रियों का पता लगाने के लिए खोजी कुत्तो को तैनात किया जा चूका है। बहुत से अन्य देशो मे भी खोजी कुत्तो को कोरोना संक्रमण मे संक्रमित लोगों का पता लगाने के लिए ट्रेंड किया जा रहा है। कुत्तो मे सूंघने की क्षमता इंसानो के तुलना में 1000 गुना ज़्यादा होती है, कुत्तो की इस क्षमता का इस्तमाल कर अब मधुमेह और मलेरिया जैसे रोगों का पता लगाने में किया जा रहा है।