नई दिल्ली, 21 मई, 2021: ब्लैक फंगस (म्यूकर माइकोसिस) भारत मे तेजी से बढ़ता दिख रहा है। पिछले एक महीने में देश भर मे पांच हजार से अधिक लोग इससे संक्रमित हो चुके हैं। इस बीमारी की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए केंद्र सरकार ने सारे राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशो से इसे महामारी रोग अधिनियम-1897 के तहत नोटिफाइड बीमारी घोषित करने का आग्रह किया है। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान के बाद अब तमिलनाडु, कर्नाटक, असम, ओडिशा और तेलंगाना की सरकारों ने भी इसे महामारी रोग अधिनियम-1897 के तहत नोटिफाइड बीमारी घोषित किया है।

कई राज्यों मे ब्लैक फंगस का कहर:

गुजरात- कुछ महीने में 1163 से अधिक लोगों को ब्लैक फंगस ने अपने चपेट में लिया है। 40 से ज़्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई है। राजकोट और सौराष्ट्र क्षेत्र इस बीमारी से सबसे ज़्यादा प्रभावित है। सूरत मेडिकल कॉलेज ने इलाज के लिए अलग वार्ड बनाया है।

हरियाणा- हरियाणा में 226 से ज्यादा लोगों की ब्लैक फंगस के चपेट मे आने की पुष्टि हुई है। सरकार ने इस बीमारी को नोटिफाइड रोग घोषित किया है। चार मेडिकल कॉलेजों में 20-20 बेड ब्लैक फंगस के लिए आरक्षित किये गए हैं।

दिल्ली- दिल्ली में 185 से ज्यादा मामले रिकॉर्ड हो चुके हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोकनायक, जीटीवी और राजीव गाँधी अस्पताल को ब्लैक फंगस के लिए केंद्र बनाने का निर्देश दिया है।

तमिलनाडु- तमिलनाडु सरकार ने ब्लैक फंगस कों नोटिफाइड बीमारी घोषित कर दिया है। अब तक वहां नौ मरीजों के संक्रमित होने की पुष्टि हो चुकी है। तमिलनाडु मे स्थिति की समीक्षा करने के लिए 10 सदस्य की समिति बनाई गई है।

बिहार- बिहार में 50 से ज्यादा लोग ब्लैक फंगस से संक्रमित हो चुके हैं। यहाँ पर एक महिला और एक डॉक्टर की ब्लैक फंगस से मौत होने की खबर है। इसके अलावा गुरुवार को व्हाइट फंगस के चार मामले आने से डर और बढ़ गया है। मगर स्वास्थ्य विभाग के अनुसार ये उतना खतरनाक नहीं है।

छत्तीसगढ़- ब्लैक फंगस के 90 से ज्यादा मामले सामने अब तक दर्ज हुए हैं। इनमें से 61 लोगों का एम्स रायपुर मे इलाज चल रहा है।

उत्तर प्रदेश- उत्तर प्रदेश मे ब्लैक फंगस से 120 मामले दर्ज हुए हैं। वहीं 13 लोगों ने अपनी जान गवाई है। राज्य के अस्पतालों में 3000 एंफोटेरिसिन-बी इंजेक्शन मांग है, लेकिन अभी तक 636 इंजेक्शन की आपूर्ति हुई है।

हिमाचल प्रदेश- गुरुवार को ब्लैक फंगस के मामले हिमाचल प्रदेश में भी मिले। हमीरपुर जिले के खागड़ की रहने वाली एक महिला में यह संक्रमण पाया गया है। उसका इलाज इंदिरा गाँधी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है। वहीं उत्तराखंड, झारखण्ड, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, राज्यस्थान, मध्य प्रदेश, असम और केरल में भी ब्लैक फंगस का मामला दर्ज हुआ है।

राष्ट्रीय मानवधिकार आयोग ने स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव से ब्लैक फंगस से हो रही मौतों और संक्रमण पर रिपोर्ट मांगा है। सुप्रीम कोर्ट के वकील और सामाजिक कार्यकर्ता राधाकांत त्रिपाठी ने एनएचआरसी से ब्लैक फंगस पर एक याचिका देकर जल्द कार्रवाई करने की अपील की है। उन्होंने इस याचिका में बताया कि महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली और ओडिशा सहित पूरे देश मे तीन हजार से अधिक लोग इस फंगस से संक्रमित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इस बीमारी को लेकर न तो केंद्र और न ही राज्य सरकार गंभीर दिख रही है।