मुंबई, 15 जून, 2021: अयोध्या में राम मंदिर निर्माण में कथित जमीन घोटाले को लेकर शिवसेना की ओर से लगातार हमला जारी है। अब शिवसेना ने इस मामले में पीएम नरेंद्र मोदी की दखल की मांग कर रही है। शिवसेना ने कहा कि अगर राम मंदिर के निर्माण में घोटाले की बात आ रही है तो पीएम मोदी को इस मामले मे दखल देना चाहिए। ‘सामना’ में मंगलवार को कहा गया कि राम मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और ईमानदार होनी चाहिए क्योंकि यह राष्ट्रीय गर्व का मुद्दा है। इससे पहले सोमवार को शिवसेना के नेता और प्रवक्ता संजय राउत ने भी ट्रस्ट पर हमला बोला था।

इतना ही नहीं संजय राउत ने कहा था कि जमीन की खरीद में गड़बड़ी का जो आरोप आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने लगाया है, वह सनसनीखेज है। इन आरोपों को लेकर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, मंदिर के ट्रस्ट और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को लोगों के सामने पूरी सच्चाई रखनी चाहिए। अब सामना के संपादकीय में सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दखल की मांग की गई है। अखबार ने लिखा, ‘राम मंदिर का निर्माण और उसकी प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और ईमानदार होनी चाहिए। इस बात की आशा है कि ऐसी कोई घटना नहीं होगी, जिससे करोड़ों भक्तों की आस्था को ठेस पहुंचे। यह आरोप कितना सच है या गलत है, इस बारे में जल्द से जल्द सच्चाई सामने आनी चाहिए।

इस मामले के सामने के बाद से ही शिवसेना लगातार बीजेपी पर हमला बोल रही है। इस बीच बीजेपी ने भी शिवसेना पर पलटवार किया है। मुंबई से बीजेपी के विधायक अतुल भाटखलकर ने शिवसेना पर हमला बोलते हुए कहा कि वह राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को लेकर लगातार आरोप लगा रही है। इतना ही नहीं संजय राउत के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भाटखलकर ने कहा कि शिवसेना ने राम मंदिर के निर्माण के लिए 1 करोड़ रुपये का दान किया है। वह चाहे तो अपनी इस रकम को वापस ले सकती है। भाटखलकर ने कहा कि देश के लोगों ने दान दिया है और उन्हें पूरी आस्था भी है। यदि शिवसेना को भरोसा नहीं है तो फिर वह अपनी 1 करोड़ रुपये की रकम वापस ले सकती है। शिवसेना के इस आरोप से देश के करोड़ों राम भक्तों की आस्था को ठेस पहुंचेगी।