नई दिल्ली, 17 दिसंबर 2021: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में आरबीआई (दबावग्रस्त ऋण का हस्तांतरण) निर्देश, 2021 दिनांक 24 सितंबर, 2021 के माध्यम से ऋणदाता संस्थाओं द्वारा दबावग्रस्त ऋण की बिक्री/हस्तांतरण के मामले पर मौजूदा निर्देशों को बदल दिया है। आरबीआई  के निर्देश, अन्य बातों के साथ-साथ, कुछ शर्तों के अधीन, भारत में किसी भी वित्तीय क्षेत्र के नियामक [अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (आईएफएससीए) सहित] के दायरे में आने वाली संस्थाओं के किसी भी वर्ग को ऋण जोखिम के हस्तांतरण की अनुमति देते हैं। आरबीआई के निर्देशों में संबंधित वित्तीय नियामक को आरबीआई के परामर्श से इस उद्देश्य के लिए एक कार्यक्रम लागू करने के बारे में भी उल्लेख किया गया है।

आईएफएससीए ने आईएफएससी में अनुमत वित्तीय संस्थानों को घरेलू ऋणदाताओं से दबावग्रस्त ऋणों के हस्तांतरण के लिए इस तरह के कार्यक्रम तैयार करने के उपायों की जांच करने तथा उपायों की सिफारिश करने के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया है। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व कार्यकारी निदेशक श्री जी. पद्मनाभन इस समिति की अध्यक्षता करेंगे, जिसमें लॉ फर्म के प्रतिनिधि और बैंकिंग तथा कानूनी मुद्दों में विशेषज्ञता रखने वाले अन्य बाजार सहभागियों को भी शामिल किया जाएगा।

समिति को आईएफएससीए में संस्थाओं को ऋण देने वाली संस्थाओं द्वारा दबावग्रस्त ऋणों के हस्तांतरण से संबंधित आरबीआई के निर्देशों के प्रावधानों की जांच करने, आरबीआई से अतिरिक्त स्पष्टीकरण की आवश्यकता वाले क्षेत्रों/मुद्दों की पहचान करने, आईएफएससीए द्वारा इस तरह के हस्तांतरणों को प्रभावी बनाने के लिए कार्यक्रमों की विषय-सामग्रियों के साथ-साथ ऐसे हस्तांतरणों को प्रभावी बनाने में आसानी के लिए आरबीआई के निर्देशों में संशोधनों/परिवर्धन को लेकर सुझाव देने के लिए शासनादेश प्राप्त हुआ है। यह समिति अपनी पहली बैठक की तारीख से एक महीने के भीतर आईएफएससीए के अध्यक्ष को अपनी रिपोर्ट दाखिल करेगी।

प्राधिकरण की ओर से इस क्षेत्र में विशेषज्ञता रखने वाले इच्छुक पक्षों से भी इनपुट की मांग की गई है। टिप्पणियों, सिफारिशों आदि के रूप में इस तरह के इनपुट को ई-मेल द्वारा supriyo.b@ifsca.gov.in और manisha.khuntia@ifsca.gov.in पर भेजा जा सकता है। जो व्यक्ति समिति के समक्ष प्रस्तुतीकरण करना चाहते हैं, वे अपना अनुरोध दिए गए ई-मेल पर भी भेज सकते हैं।