पटना: बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट काॅरपोरेशन लिमिटेड के बिहार स्टेट हाइवे प्रोजेक्ट-III राज्य उच्च पथ सं०-84 घोघा-पंजवारा पथ का निर्माण कार्य पूरा हो चूका है। ये एशियन डेवलपमेंट बैंक सम्पोषित था।  इसकी कुल लम्बाई 43.350 कि०मी० में 41.13 कि०मी० (घोघा ROB हेतु 2.240 कि०मी० छोड़कर) है।

राज्य उच्च पथ सं०-84 (घोघा – पंजवारा पथ) भागलपुर जिला अंतर्गत NH-80 पर स्थित घोघा से प्रारम्भ होकर ताडर, जैखूट, महेशपुर, रामासी, सन्हौला होते हुए बांका जिला अंतर्गत बटसार, सगुनिया, करहरिया, कुर्मा, धोरैया, रिफायतपुर, वेल्डिहा, अहिरो, रामकोल होते हुए पंजवारा में NH-333A को जोड़ती है। इस पथ के निर्माण से NH-80 जगदीशपुर-सन्हौला पथ, सन्हौला-हंडवारा पथ, जो मिर्जाचैकी पिरपैती को जोड़ती है, राज्य उच्चपथ SH-19 पर, पुनिसिया, SH-19 पर धोरैया पथ एवं NH-333A को आपस में जोड़ेगी।

BSRDCL के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने बताया, “बीएसआरडीसीएल के द्वारा परियोजना अनुश्रवण के लिए आधुनिक सॉफ्टवेयर के माध्यम से प्रतिदिन कार्यों की समीक्षा की जाती थी। इसके फलस्वरूप निर्माण Milestone को समय सीमा के अन्दर पूरा करने के लिए कितने मानवबल, मशीनरी एवं निर्माण सामग्री की आवश्यकता होगी, का आकलन किया जाता था। पर्यवेक्षी परामर्शी, संवेदक तथा बीएसआरडीसीएल की परियोजना कार्यान्वयन से संबंधित अभियंताओं के बीच समन्वय स्थापित करने का यह एक अच्छा माध्यम था।”

हालांकि पथ के चैड़ीकरण एवं घोघा ROB के निर्माण हेतु भू-अर्जन नीति के तहत राजस्व ग्राम परमानंदपुर खवास में 0.5575 एकड़ एवं शंकरपुर कोद्धार में 11.8095 एकड़ भूमि अर्जन का अधिग्रहण कार्य जिला प्रशासन भागलपुर की मदद से प्रक्रियाधीन है। राजस्व ग्राम कुर्मा में 11.248 डेसिमल भूमि सतत् लीज के तहत जिला प्रशासन बांका की मदद से पूर्ण कर ली गई है।

इस पथ का उन्नयन एवं सुदृढ़ीकरण पर्यटन की दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। वौंसी में अवस्थित मन्दार हिल पहुंचाना भी इस मार्ग के माध्यम से सुगम हो गया है।

यातायात सुगम होने के कारण इस क्षेत्र के वासिंदो को बेहतर गुणवत्ता वाली परिवहन सुविधाओं का पहुंच और आवागमन जीविका का अधिक अवसरों का उपलब्धता प्रदान करेगा साथ ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी पथ निर्माण सराहनीय योगदान प्रदान करेगा। जिला स्तरीय एवं प्रखंड स्तरीय सदर अस्पतालों (धोरैया व सन्हौला) तक आगमन सुगम होने से लोगों को बेहतर स्वस्थ्य सेवा की उपलब्धता आसान हो गया है। सड़क निर्माण के फलस्वरूप भागलपुर, बांका, गोड्डा, देवघर, दुमका आदि बाजारों में सम्पर्क बढ़ने से कृषि उत्पादक बाजारों में पहुँचना सुगम हो पाएगा, जिससे किसानों के उत्पादों का समुचित मूल्य मिल पाएगा। ग्रामीण स्तर पर कुटीर एवं लघु उद्योग को बढ़ावा मिलेगा एवं रोजगार सृजन होगा। इससे ग्रामीणों के जीवन स्तर में निरंतर सुधार होगा।