पटना, 20 मई 2021: फेसबुक पोस्ट के जरिये विरोधी दलों को निशाने पर लेते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने फेसबुक पर आज लिखा कि अब राजनीतिक तौर पर पटना शहर का नाम बदलकर विरोधी नेता सेवा शहर कर देना चाहिए, क्योंकि राजनीति भी अजीब चीज है। बिना नाम लिए तेजस्वी को घेरते हुए उन्होंने लिखा कि राघोपुर की जनता आपको विधायक बनाती है, फिर भी अस्पताल पटना में ही खोलेंगे। भाई के मंत्री रहते एक मेडिकल कॉलेज ही राघोपुर में खोल देते या खुद मंत्री रहते एक पुल ही बना देते तो पीपा पुल पर लोगों की मौतें नहीं होतीं।

डॉ जायसवाल ने आगे लिखा कि यहां तो मूल उद्देश्य सेवा नहीं, छपास है। छपास के लिए तो सेवा पटना में ही करना पड़ेगा। परिवार के पद चिन्हों पर चल रहे हैं, मुख्यमंत्री रहते परिवार का सिद्धांत था कि विकास से कभी वोट नहीं मिलता है और महोदय ने भी मंत्री रहते इसका ईमानदारी से पालन किया। इनका उद्देश्य अगर अस्पताल खोलना होता तो सिविल सर्जन एवं जिलाधिकारी को सूचना देते, पर असली उद्देश्य तो छपना है, इसलिए यह सीधा मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को ही सूचित करेंगे. माननीय जी 3 दिन पहले मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखते हैं कि सेवा करना चाहते हैं, जैसे सेवा करने में भी रोक है और मुख्यमंत्री से ही इसकी परमिशन लेनी पड़ती है।

पप्पू यादव को अप्रत्यक्ष रूप से निशाने पर लेते हुए भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने आगे लिखा कि हमारे दूसरे नेता जी विधायक और सांसद पूर्णिया और मधेपुरा से रहे, पर समाज सेवा तो पटना में ही करेंगे नहीं तो रोज छपास कैसे होगा।

उन्होंने लिखा कि दोनों का उद्देश्य कभी सेवा रहा ही नहीं, सारा कमाल उस 30% वोट का है जो बिना कुछ किए एक को मिल जाता है और दूसरा उसके लिए लप-लपा रहा है। मैंने प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अपने सभी विधायक, सांसद और मंत्रियों को निर्देशित किया है कि अपने गृह जिले की चिंता करें और प्रभारी जिले का ध्यान रखें। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष होने के बावजूद मैं खुद भी अपने लोकसभा में हूं।

डॉ जायसवाल ने आगे लिखा कि वैसे इन सभी नेताओं में एक और जबरदस्त समानता है। तीन साल से एक नेताजी जेल में थे, तब वह अस्पताल में बीमार थे लेकिन बेल मिलते ही घर आ गए। इसी तरह दूसरे नेता जी कल तक कैमरा के साथ कोरोना वार्डों में घूमते थे और बाढ़ में कमर तक पानी में फोटो भी खींचाते थे ,पर जेल में जाते ही बीमार हो गए।

उन्होंने लिखा कि आजकल जेल और बेल के बीच में अस्पताल का कमाल खेल है। जैसे बेल मिल जाएगी वैसे नेता जी स्वस्थ होकर कैमरा के साथ घूमना शुरू कर देंगे, इसलिए इनके समर्थकों से अनुरोध है कि इनके स्वास्थ्य की नहीं बल्कि बेल की प्रार्थना करें। बेल के साथ स्वस्थ यह खुद ही हो जाएंगे।