पटना, 11 जून 2021: बिहार के उप मुख्यमंत्री -सह- प्रभारी मंत्री पटना जिला तारकिशोर प्रसाद की अध्यक्षता में संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ के मद्देनजर जिला राहत एवं अनुश्रवण-सह-निगरानी समिति की बैठक वर्चुअल माध्यम से अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों के साथ आहुत की गई।

बैठक को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री ने कहा कि संभावित बाढ़ एवं सुखाड़ को ध्यान में रखते हुए सभी अधिकारी अपने-अपने दायित्व का निर्वहन अग्रिम रूप में पूरी जवाबदेही के साथ ससमय पूरा कर लें, ताकि बाढ़ आपदा के समय आवश्यकतानुसार उपयोग किया जा सके। सभी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन के सभी कार्य मानक संचालन प्रक्रिया के अनुरूप पूरी तत्परता एवं संवेदनशीलता के साथ ससमय पूरा करें।

उन्होंने कहा कि यास तूफान के दौरान हुई भारी बारिश के समय जिला प्रशासन ने काफी बेहतर काम किया। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि समय-समय पर जनप्रतिनिधियों से भी आवश्यक फीडबैक प्राप्त करें एवं उनकी समीक्षा कर कार्रवाई करें।

उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सांप काटने की दवा, एंटी रेबीज दवा निश्चित रूप से उपलब्ध रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ग्रामीण कार्य विभाग एवं पथ निर्माण विभाग के जो भी पुल-पुलिया अथवा कलभर्ट हैं, उसके नीचे के  गाद की सफाई समय पूर्व निश्चित रूप से कर लिया जाए।

पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लिए की गई अग्रिम तैयारी के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा बहुमूल्य सुझाव दिए गए। जिला पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि बैठक में प्राप्त महत्वपूर्ण सुझावों पर समीक्षोपरान्त आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के परिवारों की सूची के सत्यापन के उपरांत आपदा सम्पूर्ति पोर्टल पर अपलोड किया गया है, जिससे बाढ़ के समय जी.आर. की राशि बैंक खाता के माध्यम से भेजे जाने में सहूलियत हो। जिले में सरकारी नाव, निजी नाव के पंजीकरण, लाइफ जैकेट, प्रशिक्षित गोताखोर, चिन्ह्ति शरण स्थल, राहत एवं बचाव दल, एसडीआरएफ एवं एनडीआरएफ कंपनी की उपलब्धता, राहत सामग्रियों की उपलब्धता आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। आपदा नियंत्रण कक्ष को संचालित किया गया है।

जिलाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि तटबंध की सुरक्षा एवं सुदृढ़ीकरण हेतु जल संसाधन विभाग के अभियंता एवं प्रशासनिक अधिकारी द्वारा संयुक्त रुप से निरीक्षण कर आवश्यकतानुसार चिन्ह्ति स्थल पर तटबंध को सुदृढ़ एवं सुरक्षित किया गया है। जिलाधिकारी  स्तर पर भी तटबंधों एवं स्लुइश गेट का अभियंताओं के साथ निरीक्षण कर प्रभावी कार्रवाई की गई है। तटबंधों की सुरक्षा हेतु पर्याप्त संख्या में होमगार्ड की प्रतिनियुक्ति की गई है। सिविल सर्जन ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लिए 54 प्रकार की दवा उपलब्ध है। ब्लीचिंग पाउडर, हैलोजन टैबलेट, ओ.आर.एस. आदि पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हैं। पारा मेडिकल कर्मी की प्रतिनियुक्ति कर दी गई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में पशुओं के लिए पशु चारा, पशु दवा एवं शरण स्थली तैयार है। क्षेत्र में पशु चिकित्सकों एवं कर्मचारियों की तैनाती की गई है। बाढ़ आपदा के लिए खाद्य एवं अन्य सामग्रियों का दर निर्धारित है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग द्वारा क्षेत्रवार चापाकलों का सर्वेक्षण कर खराब चापाकलों की मरम्मति की गई है। चिन्ह्ति शरण स्थली पर कोविड प्रोटोकॉल के दृष्टिकोण से भी आवश्यक व्यवस्था की जा रही है।

वर्चुअल बैठक में जिलाधिकारी के साथ संबंधित विभागों के जिला स्तरीय अधिकारीगण, सभी कार्य प्रमंडल के अभियंतागण तथा माननीय सांसद, विधायक, विधान पार्षद, प्रखंड प्रमुख अथवा उनके प्रतिनिधि, मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल  के प्रतिनिधि सहित जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।