बाढ़, अप्रैल 20, 2021: बिहार की बिजली आपूर्ति की व्यवस्था पर असर देखने कोबमिल सकता है। बिहार को मुख्य रूप से एनटीपीसी से बिजली मिलती है। एनटीपीसी के पूर्वी क्षेत्र में अब तक 200 से ज्यादा कर्मी और उनके परिजन संक्रमित हो गए है।

अब प्रबंधक के पास बड़ी चुनौती है कि वे कैसे बिजली इकाइयों को सुचारु ढंग से चलाये। सोमवार को बाढ़ थर्मल इकाई में लगभग आधे दर्जन कर्मी संक्रमित हो गए। उनकी हालत बहुत नाजुक बताई जा रही है। बिजली विभाग के प्रबंधक बिहार सरकार से जरूरी दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने मे लगा है। क्योंकि सभी सकर्मित बिजली घर के उत्पादन के कामों से जुड़े हुए है। इसलिए उनका जल्दी ठीक होना बहुत जरूरी है।

एनटीपीसी के एक उच्च अधिकारी के अनुसार बिजली घर में एक शिफ्ट में कम से कम 2 दर्जन कर्मी की आवश्यकता होती है। ऐसे मे एक भी कर्मी कोरोना पॉजिटिव होता है तो पूरी टीम को आइसोलेट करना पड़ रहा है। यदि उनके परिजनों में कोई संक्रमित होता है तो वे कर्मी काम पर नहीं आ पा रहे है। इसलिए अभी एनटीपीसी मे कम कर्मचारियों से काम चल रहा है। एनटीपीसी के सामने ऑक्सीजन की कमी भी एक समस्या है। बिहार सरकार के अधिकारियों से अपेक्षित मदद न मिलने के कारण वे अपने कोरोना संक्रमित कर्मियों के इलाज के लिए भी जूझ रहे है।

बिहार में एनटीपीसी से ही सबसे अधिक बिजली मिलती है। अगर एक दिन में औसतन 5000 मेगावाट बिजली बिहार को मिलती रही है तो इसमें एनटीपीसी के द्वारा 4600 मेगावाट से अधिक बिजली मिलती है। अगर किसी वजह से एनटीपीसी की कोई इकाई बंद हुई तो बिहार के अलावा झारखंड और बंगाल में भी बिजली आपूर्ति करना नामुमकिन होगा।