पटना, 04 जनवरी 2024: बोधगया मोक्ष और ज्ञान की धरती है, यहां पूरी दुनिया से विभिन्न आर्थिक वर्गों के लोग आते हैं इस कारण यहां सभी स्तर की सुविधाओं के निर्माण की आवश्यकता है। अभी बिहार सरकार पर्यटन केंद्रों पर सुविधाओं को बेहतर करने पर जोर दे रही है। पर्यटन विभाग ने काफी मेहनत और शोध के उपरांत राज्य में नई पर्यटन नीति लाया है, जिसे पिछले दिनों बिहार कैबिनेट में स्वीकृति मिली है। आप जितने भी व्यवसायी वर्ग के लोग हैं, वे सब पर्यटन के क्षेत्र में नए-नए उद्योग लगाएं और पर्यटन नीति के तहत मिलने वाले काफी अच्छी अनुदान राशि का लाभ उठाएं। आप व्यवसायी वर्ग आगे बढ़ेंगे तो बिहार आगे बढ़ेगा, प्रदेश की तरक्की होगी। इस कारण न केवल होटल निर्माण बल्कि थीम रेस्तरां व पार्क, मेडिटेशन सेंटर, गोल्फ कोर्स आदि बनाने के लिए 25 करोड़ रुपये तक के अनुदान का लाभ दिया जा रहा है।

उपरोक्त बातें उपमुख्यमंत्री सह पर्यटन मंत्री यादव बोधगया स्थित महाबोधि कन्वेंशन सेंटर में राज्य के टूर ऑपरेटर्स एवं होटल संचालकों के साथ पर्यटन नीति पर चर्चा करते हुए कही।

उन्होंने आगे कहा कि हम लोग पर्यटकों को राज्य में ज्यादा दिनों तक ठहरा सकें, इसको लेकर काम कर रहे हैं। गया-बोधगया ही नहीं बल्कि राजगीर पटना वैशाली सहित पूरे प्रदेश में नाइटलाइफ कैसे विकसित हो, इसको लेकर भी पर्यटन विभाग काम कर रहा है। हम सब मार्केट-मॉल-होटल-रेस्तरां आदि को मिलाकर शहरों में गतिविधियों का केंद्र बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग पर्यटन करने के लिए बिहार में आएंगे और ठहरेंगे। पर्यटन स्थल ही नहीं बल्कि पूरे शहर की साफ सफाई बेहतर हो, वहां की ट्रैफिक व्यवस्था अच्छी हो, पर्यटक आए तो कोई भी गलत इंप्रेशन लेकर के ना जाएं इसको लेकर बिहार सरकार काम कर रही है।

उप मुख्यमंत्री सबसे पहले तिब्बत धर्मशाला, बोधगया पहुंचे, जहां परम पावन बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा से आशीर्वचन प्राप्त किया। इसके उपरांत महाबोधि मंदिर में दर्शन उपरांत महाबोधि मंदिर से जे.पी. उद्यान को जोड़ने से संबंधित योजना के स्थल निरीक्षण कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने कहा कि बोधगया के लिए विकास के कई कार्य किया जा रहे हैं। दुनिया भर से आने वाले पर्यटक यहां बेहतर रूप में ध्यान और पूजन कर सके इसके लिए मंदिर और जेपी उद्यान को एक पुल के सहारे आपस में जोड़ा जा रहा है। बोधगया जैसे शहर में दो-दो फाइव स्टार होटल बन चुके हैं, पटना में भी हम तीन नए फाइव स्टार होटल बना रहे हैं और पहले से बने होटल को फाइव स्टार प्रमाणीकरण में मदद दे रहे हैं। इन सब योजनाओं से आनेवाले दिनों में पर्यटकों की संख्या में न केवल इजाफा होगा बल्कि इससे हमारी इकोनॉमी भी बेहतर होगी।

इसके पूर्व पर्यटन सचिव अभय कुमार सिंह ने पर्यटन निधि की नीति के विभिन्न बिंदुओं को होटल और टूर संचालकों के समक्ष रखा। सचिव ने बताया कि नई नीति में हमने निवेशकों के लिए आकर्षण के कई बिंदु बनाए हैं। 10 करोड़ तक की योजना लगाने पर 3 करोड़ की कैपिटल निधि इंसेंटिव के तौर पर दी जाएगी। 50 करोड़ तक की परियोजना लगाते हैं तो 10 करोड़ तक का इंसेंटिव मिलेगा और यदि 50 करोड़ से 100 करोड़ के बीच कोई निवेश करते हैं तो 25 करोड रुपए तक इंसेंटिव की सुविधा प्राप्त कर सकते हैं। पर्यटन नीति को इस प्रकार बनाया गया है जिससे राज्य में आर्थिक तरक्की हो, स्किल डेवलपमेंट के साथ-साथ रोजगार सृजन पर्याप्त मात्रा में हो और पर्यटन के क्षेत्र में आधारभूत संरचना के विकास में मदद मिल सके ताकि पर्यटकों की संख्या को और भी ज्यादा बढ़ाया जा सके।

कार्यक्रम में कृषि मंत्री स्थानीय विधायक कुमार सर्वजीत ने कहा कि बोधगया से कनेक्टिविटी काफी अच्छी हो गई है। राज्य सरकार यहां के विकास को लेकर लगातार काम कर रही है और पर्यटकों को यहां ज्यादा से ज्यादा कैसे इंगेज किया जाए, इसको लेकर काम किया जा रहा है। कार्यक्रम में सहकारिता मंत्री, जिला पदाधिकारी गया, पुलिस अधीक्षक गया, नगर आयुक्त गया नगर निगम, पर्यटन निदेशक, महाप्रबंधक, बिहार पर्यटन विकास निगम सहित पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।