नई दिल्ली,15 जून 2021: यदि आप अपना बिजनेस शुरू करने के इक्छुक हैं तो इसमें आप केंद्र सरकार की मदद ले सकते हैं। क्योंकि सरकार का उद्देश्य है कि मार्च 2024 तक प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 10,000 हो। 11 जून, 2021 तक जनऔषधि केंद्रों की संख्या बढ़कर 7,836 हो गई है। मगर अब भी मौका है। इस मौके का फायदा लेकर आप अपना जन औषधि केंद्र खोल सकते हैं। इसे खोलने में सरकार आपकी पूरी मदद करेगी।
क्या है जन औषधि केंद्र?
जन औषधि केंद्रों पर दवाएं 90 फीसद तक सस्ती मिलती हैं, क्योंकि ये जेनेरिक दवाएं हैं। इन केंद्रो को इसलिए खोला गया है ताकि लोगों को सस्ती दवाएं मिल सकें। केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि जन औषधि केंद्रों ने सस्ती दर पर गुणवत्तापूर्ण जेनेरिक दवा उपलब्ध कराने के प्रधानमंत्री के सपने को साकार किया है। इन केंद्रों से स्थानीय लोगों को कम कीमतों पर गुणवत्तापूर्ण दवाएं मिल रही हैं।
कौन खोल सकता है जन औषधि केंद्र?
• कोई भी व्यक्ति, बेरोजगार फार्मासिस्ट, डॉक्टर या रजिस्टर्ड मेडिकल प्रैक्टिशनर ये केंद्र शुरू कर सकता है।
• ट्रस्ट, एनजीओ, प्राइवेट हॉस्पिटल, सोसायटी सेल्फ हेल्प ग्रुप।
• राज्य सरकारों की तरफ से नॉमिनेटेड एजेंसी।
जन औषधि केन्द्र के लिए रिटेल ड्रग सेल्स का लाइसेंस जन औषधि केंद्र के नाम से लेना होता है। janaushadhi.gov.in/ online_registration.aspx से Form डाउनलोड कर सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि Covid-19 महामारी जैसी विशेष स्थिति में जन औषधि केंद्रों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। गरीबों और जरूरतमंदों की सेवा के लिए देशभर में 7,836 जन औषधि केंद्र दिन-रात काम कर रहे हैं। कई जन औषधि केंद्रों ने सस्ती और गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं बेचने के साथ-साथ, लॉकडाउन में जरूरतमंद लोगों को राशन किट, भोजन, मुफ्त दवाएं आदि देने का काम किया है। जन औषधि केंद्र को शुरू करने का पूरा लागत 2.50 लाख है। मगर यह खर्च सरकार उठाती है।
आपको बता दे की, दवा बेचने पर 20 फीसद तक कमीशन मिलता है। इसके अलावा हर महीने 15% इंसेंटिव भी आता है। हालांकि इंसेंटिव की अधिकतम सीमा 10,000 रुपए महीना तय है। नॉर्थ ईस्ट राज्यों में इंसेंटिव की अधिकतम सीमा 15 हजार रुपए प्रति महीना तक किया गया है। यह इंसेंटिव तब तक मिलेगा, जब तक कि 2.5 लाख रुपए पूरे न हो जाएं।