हाजीपुर: देश की प्रगति को अगर और रफ्तार देनी है तो आवागमन के माध्यमों को और दुरूस्त और त्वरित बनाना होगा। ‘‘मिशन रफ्तार‘‘ के तहत दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग पर 160 किलोमीटर प्रतिघंटा से ट्रेनों के परिचालन हेतु ढांचागत सुधार से जुड़े कार्य किए जा रहे हैं। दिल्ली-हावड़ा रेलमार्ग उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड राज्य होते हुए दिल्ली तथा पश्चिम बंगाल के मध्य तीव्र और सुरक्षित रेल कनेक्टिविटी प्रदान करेगा।

पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने कहा, “पूर्व मध्य रेल के धनबाद और पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल में ग्रैंड कॉर्ड रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन 130 से बढ़ाकर 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से करने की दिशा में कार्य जारी है। ग्रैंडकॉर्ड रेलखंड के रास्ते लगभग 1500 किलोमीटर लंबे हावड़ा-दिल्ली रेलमार्ग को 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति के अनुकूल बनाने के लिए ढांचागत सुधार पर अनुमानित रूप से 6975 करोड़ की लागत आएगी।”

उन्होंने कहा, “इसमें पूर्व मध्य रेल के धनबाद मंडल के प्रधान खांटा से पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन तक 417 रूट किलोमीटर लंबे रेलमार्ग पर 2050 करोड़ रूपए की लागत से 160 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से रेल परिचालन हेतु उन्नयन कार्य जारी है। चालू वित्त वर्ष में पूर्व मध्य रेल को इस परियोजना के मद में 408 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ है। इस परियोजना के पूर्ण होने के बाद दिल्ली से हावड़ा की दूरी मात्र 12 घंटे में तय की जा सकेगी जिससे यात्रा समय में काफी बचत होगी। इससे यात्री परिवहन के साथ-साथ माल परिवहन में भी गति आएगी। ढांचागत सुधार के बाद क्षमता वृद्धि होने से इस रेलखंड पर बिना किसी अवरोध के ज्यादा से ज्यादा ट्रेनों के परिचालन का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।”

ढांचागत सुधार के क्रम में मिट्टी के कार्य, बलास्ट, थीक वेब स्वीच आदि का प्रावधान किया जा रहा है। यार्ड रिमॉडलिंग का कार्य पूरा किया जाएगा साथ ही इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग तथा यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (ईटीसीएस) मानक स्थापित किए जाएंगे। इनमें रेलवे ट्रैक का नवीनीकरण, रेल पुलों का उन्नयन, सिगनल प्रणाली का आधुनिकीकरण जैसे कार्य कार्य भी शामिल हैं।

विदित हो कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन से झाझा एवं धनबाद के रेलवे ट्रैक को पहले चरण में 130 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से ट्रेन चलाने की अनुमति प्रदान की जा चुकी है।