भोपाल, 25 दिसम्बर 2021: राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने छात्र-छात्राओं से कहा है कि अनुसूचित जनजातीय, ग्रामीण, पिछड़े क्षेत्रों के निवासियों, कमजोर और वंचित वर्गों का फ्रेंड, फिलॉस्फर और गाइड के रूप में सहयोग करें। उन्हें विकास के कार्यक्रम और योजनाएँ, डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, स्वच्छता अभियान, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ आदि के लाभ दिलाने में सहयोग करें।

राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल आज अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय के द्वितीय दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय के नव निर्मित परिसर में आयोजित यह पहला दीक्षांत समारोह है।

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को जीवन की चुनौतियों का सामना करने का सामर्थ्य, कौशल और संस्कार प्रदान करने के केंद्र बनें। दुनिया को बदलने का सबसे शक्तिशाली साधन शिक्षा व्यक्ति और राष्ट्र के लिए तभी उपयोगी होती है, जब वह राष्ट्रीय जीवन-दर्शन पर आधारित हो। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय मानव पर्यावरण हितैषी जीवन शैली का मॉडल बनें। पौध-रोपण और उनकी देखभाल के संस्कार छात्र-छात्राओं में मजबूत करें। प्रधानमंत्री जी के भारतीय सनातन संस्कृति की मूल भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के द्वारा सबके साथ, सबके प्रयास से सबका विकास के कार्यों में सहयोग करें।

राज्यपाल ने विद्यार्थियों से अनुरोध किया है कि युवा नौकरी मांगने वाले नहीं, नौकरी देने वाले बनें। आत्म-निर्भर भारत का निर्माण कर समर्थ और समृद्ध नए भारत के निर्माण में योगदान दें। गाँवों में जाएँ, ग्रामीणों के स्वच्छता और आत्म-निर्भरता के प्रयासों में सहयोग कर, गाँवों को ऐसा बनवाएँ, जिनकी आत्मा गाँव की और सुविधाएं शहर की हों। उन्होंने भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी जी और भारत रत्न मदनमोहन मालवीय की जयंती पर उनका स्मरण कर नमन किया। कहा कि महापुरूषों की जयंती उनके जीवन से प्रेरणा लेकर उसे अपने जीवन में उतारने का प्रसंग है। राज्यपाल ने उपाधि और पदक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों को भी बधाई और शुभकामनाएँ दी।

सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि राजनीति के अजातशत्रु विश्व में विशिष्ट पहचान रखने वाले अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर स्थापित हिंदी विश्वविद्यालय भारतीय ज्ञान परम्परा और संस्कारों का केंद्र बनें। उन्होंने कहा कि आज शिक्षित हुए विद्यार्थियों का दायित्व है कि वह अपनी योग्यता और संस्कारों की सुगंध सारी दुनिया में फैलाएँ। संस्कारों से ओत-प्रोत व्यक्ति का समाज में सम्मान होता है। उन्होंने छात्र-छात्राओं का आव्हान किया कि जीवन के किसी भी क्षेत्र में जाएँ, अपने संस्कारों को नहीं भूलें। योग्यता और विनम्रता से समाज में विशिष्ट स्थान प्राप्त करें। बाबा साहब अम्बेडकर केंद्रीय विश्वविद्यालय लखनऊ के कुलपति डॉ. प्रकाश बढ़तूनिया ने कहा कि हिंदी भारतीयता को ओज और तेज प्रदान करती है। व्यक्ति और समाज का दायित्व है कि वह अपनी संस्कृति का आदर्श प्रस्तुत करते हुए उसको प्रसारित करने में सहयोग करें। विश्वविद्यालय की स्थापना के समय से अपने जुड़ाव का स्मरण किया। विगत अवधि में विश्वविद्यालय के विकास में योगदान देने वालों का उल्लेख किया।

प्रारम्भ में राज्यपाल पटेल ने विश्वविद्यालय परिसर में स्थिति स्वामी विवेकानंद और पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया और चित्रकला प्रदर्शनी का अवलोकन किया।