नई दिल्ली, 12 अप्रैल 2022: चालू उपयोगकर्ता प्रमाणीकरण परीक्षणों के तहत स्वदेशी रूप से विकसित टैंक-रोधी निर्देशित मिसाइल ‘हेलीना’ का 12 अप्रैल, 2022 को उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर से एक बार फिर सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के साथ भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना की टीमों ने इसका अधिक ऊंचाई परिक्षेत्र में इसका परीक्षण किया। यह लगातार दूसरा सफल उड़ान परीक्षण है। इससे पहले 11 अप्रैल, 2022 को पहला सफल उड़ान परीक्षण किया गया था।

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आज का परीक्षण अलग-अलग परिक्षेत्र और ऊंचाई के लिए किया गया। योजना के अनुरूप मिसाइल ने नकली टैंक लक्ष्य पर सफलतापूर्वक निशाना साधा। परीक्षण के दौरान सेना के वरिष्ठ कमांडर और डीआरडीओ के वैज्ञानिक उपस्थित थे। इस उड़ान-परीक्षण के साथ इमेजिंग इन्फ्रा-रेड सीकर सहित संपूर्ण प्रणाली का लगातार प्रदर्शन स्थापित किया गया है, जो सशस्त्र बलों में ‘हेलीना’ को शामिल करने में सक्षम होगा।

इससे पहले राजस्थान के पोखरण में ‘हेलीना’ का प्रमाणीकरण परीक्षण किया गया था, जिसने रेगिस्तानी परिक्षेत्र में मिसाइल की प्रभावशीलता को प्रमाणित किया।

‘हेलीना’ तीसरी पीढ़ी की दागकर और भूलने वाली टैंक-रोधी निर्देशित मिसाइल है, जो सीधे प्रहार मोड के साथ-साथ शीर्ष हमला मोड, दोनों में लक्ष्य को भेद सकता है। इस प्रणाली में हर एक मौसम में दिन और रात काम करने की क्षमता है और यह पारंपरिक बख्तरबंद और विस्फोटक प्रतिक्रियाशील बख्तरबंद के साथ युद्धक टैंकों को हरा सकता है।