नई दिल्ली, 02 जुलाई 2021: प्रधान नियंत्रक डॉ. राजीव चव्हाण, भा.र.ले.से., एनडीसी के कुशल मार्गदर्शन में दिनांक 02 जुलाई 2021 को रक्षा लेखा प्रधान नियंत्रक (अफसर) कार्यालय के मुख्य सभागृह में राजभाषा हिंदी की एक दिवसीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यालय की संयुक्त नियंत्रक श्रीमती मितल सुधीर हीरेमठ, भा.र.ले.से., मुख्य अतिथि थीं। उक्त  कार्यशाला में कार्यालय के 20 सदस्यों को राजभाषा हिंदी की विकास यात्रा के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।

भारत सरकार, गृह मंत्रालय के राजभाषा विभाग द्वारी जारी निर्देशानुसार केंद्र     सरकार के सभी कार्यालयों में प्रत्येक तिमाही में राजभाषा कार्यशाला का आयोजन अनिवार्य है। कोरोना महामारी की भयावहता एवं चुनौतियों के बावजूद रक्षा लेखा प्रधान नियंत्रक (अफसर) कार्यालय में  उक्त दिशा निर्देश का अनुपालन नियमित रूप से किया जा रहा है।

 उक्त कार्यशाला का उद्घाटन सम्बोधन कार्यालय के उप नियंत्रक श्री लहना सिंह, भा.र.ले.से. ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि महोदया अपने बीज उद्बोधन में प्रतिभागियों को बताया कि हिंदी, शासकीय काम-काज की प्राधिकृत भाषा है। अतः हिंदी में काम करना हमारा संवैधानिक दायित्व है। उन्होने हिंदी में मसौदा/ टिप्पणी लिखते समय सरल, सहज एवं बोधगम्य शब्दों का प्रयोग करने पर जोर दिया ।

 दो सत्रों में आयोजित इस कार्यशाला  का सुचारू रूप से संचालन रक्षा लेखा प्रधान नियंत्रक (द.क.) कार्यालय के सहायक निदेशक (राभा) डॉ. अनिल कुडिया ने किया। उन्होने प्रतिभागियों को कार्यशाला के विषय “ हिंदी भाषा की विकास यात्रा एवं अंतर्राष्ट्रीय पटल पर इसकी प्रासंगिकता”  एवं “ स्वतन्त्रता प्राप्ति से लेकर 1965 तक राजभाषा हिंदी की प्रगति” के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। व्याख्यान के दौरान प्रतिभागियों के राजभाषा हिंदी की दशा एवं दिशा के बारे में कई प्रश्न किए जिसका डॉ. अनिल कुडिया ने सरल व सहज तरीके से उत्तर दिया। दोनों सत्रों में प्रतिभागियों का  अप्रतिम  उत्साह, उनकी  सहभागिता उल्लेखनीय थी।

 उक्त कार्यशाला का समापन उद्बोधन उप नियंत्रक श्री लहना सिंह, भा.र.ले.से., द्वारा किया गया। कार्यशाला के सफल आयोजन में श्री राजेश कालिया, वरिष्ठ लेखा अधिकारी,श्री पी पी पाठक, लेखा अधिकारी एवं राजभाषा अनुभाग की श्रीमती शोभा कश्यप , वरिष्ठ अनुवाद अधिकारी एवं श्री बीरेन्द्र साह, कनिष्ठ अनुवाद अधिकारी तथा प्रशासन अनुभाग के सहायक लेखा अधिकारी श्री कैलाश कुमार सिंह एवं श्री नीरज निधि का  विशेष योगदान रहा ।

 कार्यशाला का आयोजन आईसीएमआर/डब्ल्यूएचओ द्वारा बताए गए मानकों एवं  कॉविड 19 महामारी के रोकथाम संबंधी दिशा-निर्देशों का पूर्ण रूप से अनुपालन कराते हुए किया गया जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग के तहत दो मीटर से अधिक की दूरी का पालन, डबल मास्क एन-95 और ट्रिपल स्तरीय  सर्जिकल मास्क पहनना आदि शामिल था।