नई दिल्ली,मई 5, 2021: कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए सरकार ने वैक्सीन की निर्यात को धीमी कर दी है। सरकार पर वैक्सीन की निर्यात कम करने का दबाव पड़ा और इसलिए उन्होंने इसकी निर्यात धीमी कर दी। लेकिन जानने वाली बात यह है कि आखिर भारत को कोरोना वैक्सीन को निर्यात क्यों करना पड़ रहा हैं जबकि देश को खुद इसकी कमी हो रही है। इस प्रश्न का जवाब दिया है विदेश मंत्री एस जयशंकर ने।

उन्होंने ने बताया कि क्यों भारत को कोरोना वैक्सीन निर्यात करनी पड़ी है। ग्लोबल डायलॉग सीरीज में  उन्होंने बताया कि भारत कि स्थिति कई दूसरे देशो से भिन्न है। उन्होंने बताया कि कोविसील्ड ऑक्सफ़ोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन है। यह एक ब्रिटिश-डिज़ाइन प्रोडक्ट है। इस वैक्सीन को बनाने के लिए भारत को केवल एक कुशल उत्पादन स्थल के रूप मे चुना गया। उन्होंने आगे कहा कि यह सच्चाई मे एक अंतराष्ट्रीय सहयोग था। अगर कोई आपको भारत में टीका बनाने देता है तो समझौते के आधार पर ही देगा। भारत मे कोवैक्सीन समझौते पर आया है।

उन्होंने बताया कि इस वजह से, कई देशो को कम कीमत पर वैक्सीन देना भारत का दायित्व है। जो लोग इसपर सवाल उठा रहे हैं उनकी समझ छोटी है। उन्होंने कहा कि भारत अगर कुछ देता है तो दूसरी हाथ से लेता भी है। अगर हमने निर्यात रोक दी तो कैसे हम अपनी जरूरत कि मांग उनसे कर पाएंगे।