भोपाल : 01 अगस्त 2021: लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री श्री बृजेन्द्र सिंह यादव ने गतदिवस प्रात: 11 बजे से रात्रि 9 बजे तक (निरन्तर 10 घंटे) प्रदेश के हर जिले के अधिकारी से जल जीवन मिशन के संचालित कार्यों की वन-टू-वन चर्चा की। राज्य मंत्री श्री यादव ने कहा कि प्यासे को पानी पिलाना मानव के लिये सबसे पुण्य कार्य बताया गया है। इस पुनीत कार्य की जिम्मेदारी निभाना हम सब के लिये सौभाग्य की बात है। उन्होंने कहा कि कार्य के प्रति व्यक्ति की इक्छाशक्ति के रहते बड़े से बड़े जन-कल्याण कार्य की राह बनती है। राज्य मंत्री श्री यादव ने विभागीय अधिकारियों और कार्य से जुड़ी एजेन्सियों के प्रतिनिधियों से कहा कि वह पूरी लगन, निष्ठा और ईमानदारी से जल जीवन मिशन के कार्यों को गुणवत्ता के साथ समय-सीमा में पूरा करके दिखलायें।

राज्य मंत्री श्री यादव ने कहा कि हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की ग्रामीण आबादी के लिए पेयजल व्यवस्था की चिंता और सोच ने राष्ट्रीय जल जीवन मिशन को मूर्तरूप दिया है। प्रधानमंत्री का यह भागीरथी प्रयास निश्चित ही ग्रामीण क्षेत्र की पेयजल व्यवस्था में बदलाव का साक्ष्य बनेगा। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने जन-कल्याण का सुअवसर मानकर संकल्प के रूप में स्वीकारते हुए प्रदेश में इस मिशन का कार्यान्वयन प्रारम्भ करवाया। आखिर मुख्यमंत्री ऐसा क्यों न करते, जब आजादी के 74 वर्षों में पहली बार दूरस्थ ग्रामीण अंचल में रहने वाले आम नागरिक के घर में नल से जल पहुँचाने की ऐसी योजना बनी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने जल जीवन मिशन की समय-समय पर समीक्षा करते हुए यही निर्देश दिए कि मिशन के कार्य अगले 30 वर्ष तक उपयोगी रहें, इसलिए इनका गुणवत्तापूर्ण होना बेहद जरूरी है।

प्रदेश में जल जीवन मिशन के अन्तर्गत अब तक 39 लाख 65 हजार से अधिक घरेलू नल कनेक्शन दिए जा चुके हैं। समूची ग्रामीण आबादी के लिए एक करोड़ 23 लाख नल कनेक्शन दिए जाने का लक्ष्य है। प्रदेश की शालाओं और आँगनबाड़ियों में भी स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने हेतु नल कनेक्शन दिए जाने का कार्य प्रगतिरत है, प्रदेश के स्कूल तथा आँगनबाड़ियों में 49 हजार से अधिक नल कनेक्शन अब तक दिए जा चुके हैं। इसी तरह प्रदेश के 3044 गाँवों के प्रत्येक घर में नल से जल पहुँचाने की व्यवस्था भी की जा चुकी है।

राज्य मंत्री ने कहा कि जल प्रदाय योजनाओं के निर्माण कार्यों के प्रस्तुतिकरण में जो कमियाँ सामने आई हैं, उन्हें ठीक करने के साथ ही आगे के कार्यों में इस प्रकार की त्रुटियाँ न रह जायें, इसका विशेष ध्यान रखा जाये। राज्य मंत्री श्री यादव ने निर्देश दिए कि वन-टू-वन चर्चा में आये बिन्दुओं के अनुरूप अधिकारी अपने क्षेत्र में कार्यों की प्रगति पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने कहा कि समझाइश के पश्चात भी पुन: पुराने तर्कों को यदि दोहराया जाता है तो निश्चित ही यह कर्त्तव्य निर्वहन में लापरवाही कहलायेगी। उन्होंने कहा कि समय कम है और लक्ष्य बड़ा, लेकिन समय-सीमा में कार्य तो पूरे किए ही जाना है, ऐसे में अच्छे कार्य के लिए पुरस्कृत और लापरवाही के लिए दण्डित किए जाने की नीति अपनाना जरूरी है।