• चंडीगढ़, 11 जून, 2021: – हरियाणा सरकार ने प्रदेश के धान उत्पादक किसानों को डीएसआर मशीन द्वारा धान रोपने की सलाह दी है, इससे जहां पानी की बचत होती है वहीं फसल भी सप्ताह-10 दिन पहले पककर तैयार होती है।
  • एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आमतौर पर धान के सीजन में 15 जून से किसान पारम्परिक विधि से धान की पौध तैयार करके अपने-अपने खेतों में रोपाई करते हैं । इस विधि में खेत में पानी भरकर रोपाई की जाती है व रोपाई के बाद भी खेत में पानी बनाए रखना पड़ता है। उन्होंने बताया कि इस समय तापमान अधिक होने के कारण पानी का वाष्पीकरण बहुत अधिक मात्रा में होता है और इसमें मेहनत भी ज्यादा लगती है।
  • उन्होंने बताया कि भू-जल, लेबर व समय की बचत करने के लिए किसान धान की सीधी बिजाई डीएसआर मशीन द्वारा कर सकते हैं। इस विधि से पहले खेत में लेजर लेवलर द्वारा समतल किया जाना जरूरी है और इसके बाद पानी से तर-बतर अवस्था में धान की सीधी बिजाई की जा सकती है। उन्होंने इस विधि के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि इस विधि से बिजाई करने में 15 से 20 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है। उन्होंने सलाह दी कि इस मशीन द्वारा किसान रेतीली जमीनों में बिजाइ न करें व केवल उन्हीं खेतों में बिजाई करे जिसमें किसान पहले से ही धान की फसल ले रहे है। उन्होंने बताया कि धान की सीधी बिजाई वाली विधि से जहां एक ओर पैदावार रोपाई करके लगाई गई धान की फसल के बराबर होती है वहीं दूसरी ओर फसल 7 से 10 दिन पहले पक कर तैयार हो जाती है। जिस कारण धान की पराली सम्भालने व गेहूं अथवा सब्जियों की बिजाई करने के लिए अधिक समय मिल जाता है।
  • प्रवक्ता ने यह भी बताया कि जो किसान धान की खेती को छोडक़र मक्का की खेती करना चाहते हैं वे मेज पलान्टर द्वारा मेढ़ों पर मक्का की बिजाई भी कर सकते हैं। इससे पानी की अत्यधिक बचत होती है। इन दोनों कृषि यंत्रों को खरीदने पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा समय-समय पर अनुदान उपलब्ध करवाया जाता है। इसके अतिरिक्त विभाग के पास डीएसआर मशीन होती है, वह किसानों को ‘पहले आओ-पहले पाओ’ के आधार पर बुक की जाती है। उन्होंने कहा कि मक्का बिजाई मशीन फ्री में उपलब्ध करवाई जाएगी तथा इसके लिए किसान अपना आधार-कार्ड कार्यालय में जमा करवाकर मशीनों का लाभ उठा सकते हैं ।