पटना: प्रमंडलीय आयुक्त पटना सह प्रथम अपीलीय प्राधिकार श्री संजय कुमार अग्रवाल द्वारा लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत प्रथम अपीलीय मामलों की सुनवाई की गई तथा परिवादी को नियत समय के भीतर न्याय प्रदान करते हुए लाभान्वित किया गया।
मंगलवार को पटना नालंदा एवं कैमूर जिले के 14 मामलों की सुनवाई की गई तथा नियत समय सीमा के भीतर परिवादी की शिकायत का निवारण कर न्याय प्रदान किया गया। सुनवाई के तहत विद्युत स्पर्शाघात से 2 मृत व्यक्ति के परिजन को चार चार लाख का मुआवजा राशि का आदेश निर्गत किया गया। वहीं अनुसूचित जाति /जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दो व्यक्ति को मुआवजा राशि के अविलंब भुगतान का आदेश निर्गत किया गया। कई मामलों में लोक प्राधिकार पर विभागीय कार्रवाई, संबंधित कर्मी के निलंबन एवं मामले की उच्चस्तरीय जांच का सख्त आदेश भी निर्गत किये गये।
अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत कुरथौल पटना निवासी अजय कुमार को ₹150000 तथा अंजली कुमारी सिपारा पटना को ₹75000 का मुआवजा भुगतान किया गया। परिवादी ने प्रधिकार द्वारा मिले न्याय पर भरोसा जताते हुए आभार प्रकट किया। आयुक्त ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति के मामलों के प्रति गंभीर होने तथा उनके शिकायतों की जवाबदेही से त्वरित निष्पादन करने का निर्देश दिया है।
नालंदा जिले के परिवादी विकास आनंद द्वारा अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तल्हाड़ा में प्रसव की व्यवस्था ,कुत्ता काटने एवं सर्पदंश की दवा उपलब्ध नहीं रहने की शिकायत प्रथम अपीलीय प्राधिकार में की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए आयुक्त सह प्रथम अपीलीय प्राधिकार ने विगत 3 माह के भीतर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तल्हाड़ा में कुत्ता काटने एवं सर्पदंश की दवा की उपलब्धता एवं उपयोगिता की जांच करने का आदेश जिलाधिकारी नालंदा को दिया। साथ ही एपीएचसी से विगत 9 माह से अनधिकृत रूप से लगातार अनुपस्थित रहने के कारण आयुक्त ने चिकित्सा पदाधिकारी तेल्हाड़ा डॉ दीपाश्री के विरुद्ध निलंबन की अनुशंसा करने का आदेश सिविल सर्जन को दिया।
कैमूर जिला के संजीव कुमार खरवार ने अपने परिवाद में अपनी पत्नी के प्रसव हेतु सदर अस्पताल भभुआ द्वारा भर्ती नहीं लेने एवं प्राइवेट क्लीनिक में उनकी पत्नी की मृत्यु हो जाने की शिकायतें की गई। प्रमंडलीय आयुक्त सह प्रथम अपीलीय प्राधिकार ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए डीएम कैमूर को संपूर्ण मामले की जांच करने , दोषी के विरुद्ध कार्रवाई करने तथा कृत कार्रवाई संबंधी प्रतिवेदन भेजने का निर्देश दिया।
नालंदा के परिवादी कृष्णा रविदास द्वारा उनकी पत्नी का विद्युत स्पर्शाघात से मृत्यु होने के बाद मुआवज़ा नहीं मिलने से संबंधी परिवाद दायर किया गया जिसके आलोक में जाँचोपरांत दावा सही पाए जाने पर मृतक के परिजन को 4 लाख रुपये का भुगतान का आदेश जिलापदाधिकारी नालंदा द्वारा कर दिया गया।
नालंदा की ही गुड़िया देवी द्वारा विद्युत स्पर्शाघात में इनके पति के मृत्यु होने पर मुआवज़ा नहीं मिलने के कारण परिवाद दायर किया गया जिसके आलोक में आयुक्त पटना प्रमंडल द्वारा जिला पदाधिकारी नालंदा को जाँच करने तथा परिवाद सही पाए जाने पर नियमानुसार मुआवज़ा भुगतान करते हुए प्रतिवेदन के साथ अगले सप्ताह उपस्थित होने का आदेश दिया गयाI