नई दिल्ली, 25 मई 2021: लक्ष्यद्वीप समूह में वहां के प्रशासक प्रफुल्ल खोड़ा पटेल के कुछ फैसलों के बाद राजनीति गरमा गई है। प्रफुल्ल पटेल के कदमो को जनविरोधी करार देते हुए केंद्र शासित प्रदेश और पड़ोसी राज्य केरल की विपक्षी पार्टियों ने उन्हें वापस बुलाए जाने की मांग की है।

दरअसल खबरों के अनुसार प्रफुल्ल पटेल ने मुस्लिम बहुल द्वीपों से शराब के सेवन पर रोक हटा दी है। इसके अलावा पशु संरक्षण का हवाला देते हुए बीफ उत्पादों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। यहाँ अधिकांश आबादी मछली पालन पर निर्भर है लेकिन विपक्ष का आरोप है कि पटेल ने तट रक्षक अधिनियम के उल्लंघन के आधार पर तटिय इलाकों में मछुआरो के झोपड़ो को तोड़ने का आदेश दिया है।

लक्ष्यद्वीप के रकाम्पा सांसद मोहम्मद फैजल और पड़ोसी राज्य केरल के उनके सहकर्मी टी एन प्रतापन, अलमारण करीम और ईटी मोहम्मद बशीर ने केंद्र सरकार से यह मांग की है कि वह लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल को वापस बुलाए। इसके विपरीत पटेल का बचाव करते हुए बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एपी अब्दुल्लाकुट्टी ने आरोप लगाया कि विपक्षी सांसद पटेल के खिलाफ इस्ला प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने नेताओं के भ्रस्ट चलन को खत्म करने के लिए कुछ ख़ास कदम उठाए हैं।

बीजेपी नेता प्रफुल्ल पटेल को दिसंबर 2020 में लक्षद्वीप का प्रशासक नियुक्त किया गया था। केरल के विधायक हिबी ईदेन ने केंद्र को चिट्ठी लिखकर यह दावा किया है कि यहाँ कॉन्ट्रैक्ट टूरिज्म सेक्टर में काम करने वाले कई सरकारी कर्मचारियों को भी बिना किसी कारण के नौकरी से हटा दिया गया है। उन्होंने कहा है, ‘द्वीप पर 70 हजार लोग मछली पालन पर निर्भर हैं फिर भी यहां पर मछुआरों के घर तोड़ दिए गए हैं। सोमवार को कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी राष्ट्रपति को पत्र लिखकर प्रफुल्ल पटेल को वापस बुलाने कि मांग की है। इसके अलावा प्रफुल्ल पटेल के कार्यकाल में लिए गए फैसलों को रद्द किए जाने कि भी मांग की है।