नई दिल्ली, 19 जनवरी 2022: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 973.74 करोड़ रुपये की अनुग्रह राशि के भुगतान को मंजूरी दे दी है, जो निर्दिष्ट ऋण खातों (1.3.2020 से 31.8.2020) में उधारकर्ताओं को छह महीने के लिए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर के अनुग्रह भुगतान की योजना के तहत ऋणदाता संस्थानों (एलआई) द्वारा प्रस्तुत शेष दावों से संबंधित है।
लाभ:
यह योजना संकटग्रस्त/कमजोर श्रेणी के उधारकर्ताओं को छह महीने की ऋणस्थगन अवधि के दौरान चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर का अनुग्रह भुगतान देकर, छोटे उधारकर्ताओं को महामारी के कारण पैदा हुए संकट को सहन करने में और अपने पैरों पर फिर से खड़े होने में समान रूप से मदद करेगी, भले ही उधारकर्ता ने ऋणस्थगन का लाभ उठाया हो अथवा नहीं।
कैबिनेट की मंजूरी से योजना के संचालन के लिए, दिशानिर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। उक्त संचालन दिशानिर्देशों के अनुसार 973.74 करोड़ रुपये की उपरोक्त धनराशि वितरित की जायेगी।
क्रमांक | एसबीआई द्वारा दावा जमा करने की तिथि | उधार देने वाली संस्थाओं की संख्या | लाभार्थियों की संख्या | दावे की प्राप्त राशि | भुगतान की गयी राशि | लंबित राशि |
1 | 23.3.2021 | 1,019 | 140663979 | 4626.93 | 4,626.93 | – |
2 | 23.7.2021 & 22.9.2021 | 492 | 499,02,138 | 1316.49 | 873.07 | 443.42 |
3 | 30.11.2021 | 379 | 400,00,000 | 216.32 | 0 | 216.32 |
4 | एसबीआई द्वारा पुनः जमा की गयी | 101 | 83,63,963 | 314.00 | – | 314.00 |
कुल | 1,612 | 238930,080 | 6473.74
|
5,500.00 | 973.74 |
पृष्ठभूमि:
कोविड-19 महामारी के संदर्भ में, “निर्दिष्ट ऋण खातों (1.3.2020 से 31.8.2020) में उधारकर्ताओं को छह महीने के लिए चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच अंतर के अनुग्रह भुगतान की योजना” की मंजूरी कैबिनेट द्वारा अक्टूबर, 2020 को दी गयी थी, जिसके लिए 5,500 करोड़ रुपये की परिव्यय धनराशि निर्धारित की गयी थी। इस योजना के तहत निम्न श्रेणी के उधारकर्ता अनुग्रह राशि भुगतान के पात्र थे:
(i) एमएसएमई ऋण 2 करोड़ रुपये तक।
(ii) शिक्षा ऋण 2 करोड़ रुपये तक।
(iii) आवास ऋण 2 करोड़ रुपये तक।
(iv) उपभोक्ता सामान ऋण (डूरेबल) 2 करोड़ रुपये तक।
(v) क्रेडिट कार्ड बकाया 2 करोड़ रुपये तक।
(vi) ऑटो ऋण 2 करोड़ रुपये तक।
(vii) पेशेवरों को व्यक्तिगत ऋण 2 करोड़ रुपये तक।
(viii) उपभोग के लिए ऋण 2 करोड़ रुपये तक।
वित्त वर्ष 2020-2021 में योजना के लिए 5,500 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया था। कैबिनेट द्वारा अनुमोदित 5,500 करोड़ रुपये की पूरी धनराशि, योजना के तहत नोडल एजेंसी एसबीआई को, ऋण देने वाले संस्थानों को परिणामी प्रतिपूर्ति के लिए, भुगतान की गयी थी।
उपरोक्त श्रेणी के ऋणों के लिए एसबीआई और अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के हिस्से का आकलन करके 5,500 करोड़ रुपये की अनुमानित धनराशि निर्धारित की गयी थी। कैबिनेट को इस तथ्य से भी अवगत कराया गया था कि वास्तविक राशि का निर्धारण तब हो सकेगा, जब ऋण देने वाली संस्थाएं अपना लेखापरीक्षा-पूर्व का खाता-वार दावा प्रस्तुत करें।
अब, एसबीआई ने सूचित किया है कि उसे ऋण देने वाली संस्थाओं से लगभग 6,473.74 करोड़ रुपये के समेकित दावे प्राप्त हुए हैं। चूँकि एसबीआई को 5,500 करोड़ रुपये पहले ही दिए जा चुके हैं, इसलिए अब 973.74 करोड़ रुपये की शेष धनराशि के लिए कैबिनेट की मंजूरी प्राप्त की जा रही है।