पटना, मार्च 24, 2021: राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने तेजस्वी यादव पर आरोप लगाते हुए कहा है कि गोली चलवाना चाहते थे राजद के राजकुमार, खुद हेलमेट पहन कर आये थे।

सुशील मोदी ने एक के बाद एक ट्वीट करते हुए कहा कि बिहार सशस्र पुलिस बल विधेयक के विरुद्ध विपक्ष भ्रम फैलाने और सदन से सड़क तक हिंसा फैलाने की उसी स्क्रिप्ट पर काम कर है, जिस पर किसान आंदोलन को आक्रामक बना कर भारत की छवि बिगाडने की कोशिश की गई थी।

“जैसे कथित किसान नेताओं की मंशा 26 जनवरी को तय रूट को तोड़ते हुए टैक्टर रैली निकाल कर पुलिस को गोली चलाने पर मजबूर करने की थी, उसी तरह राजद की मंशा सड़क पर गोली चलवाने और सदन के भीतर मार्शल बुलाने को मजबूर करने की थी,” उन्होंने ट्वीट किया।

“लालू प्रसाद के पोस्टर दिखा कर उनके दोनों पुत्र क्या भीड़ को उकसा कर पटना में गोली चलाने की नौबत लाना चाहते थे? हिंसा भड़काने पूरी साजिश थी इसलिए दोनों राजकुमार खुद हेलमेट पहन कर आये थे। जिन लोगों ने लोकतंत्र के मंदिर को अपने सामूहिक हिंसात्मक आचरण और अपशब्दों से अपवित्र किया, वे बिहार की जनता से क्षमा मांगने के बजाय स्पीकर और सरकार पर अनर्गल आरोप लगा रहे हैं,” सुशील मोदी ने कहा।

सुशील मोदी ने कहा, “बिहार में राजद और कांग्रेस उन नक्सली-वामपंथी ताकतों की गोद में बैठे हैं, तो बंदूक के बल पर सत्ता पाना चाहते हैं। तेजस्वी प्रसाद यादव ने यदि लोहिया को पढा होता, तो वे सदन में बहस करने के योग्य होते और उनके विधायकों को भी सदन की मर्यादा का ध्यान रहता।”

“जो आज लोहिया की वाणी को रट्टू तोते की तरह बोल रहे हैं, वे बताएं कि क्या लोहिया ने कभी बेनामी संपत्ति बनाने को भी जायज ठहराया था क्या?

क्या लालू परिवार का भ्रष्टाचार ही लोहिया का समाजवाद है?” उन्होंने ट्वीट किया।