पटना, 14 मई 2021: विधान परिषद के कांग्रेस सदस्य प्रेमचंद मिश्रा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर आरोप लगाया कि वे राज्य के लोगों के लिए कोरोना टीका की उपलब्धता सुनिश्चित कराने में विफल रहे हैं, उन्हें केंद्र की कृपा की वजाय खुद से पहल कर टीका के लिए ग्लोबल टेंडर का सहारा लेना चाहिए।

उन्होंने कहा कि देश के 11 राज्यों के मुख्यमंत्रीयों ने खुद के साधन से अपने-अपने राज्यों के लिए टीका का इंतजाम करने हेतु ग्लोबल टेंडर का सहारा लिया है लेकिन यह दुखद और आश्चर्य का विषय है कि बिहार के जिन करोड़ो लोगों के समर्थन से 16 साल से मुख्यमंत्री के पद पर विराजमान नीतीश कुमार उन्ही लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने हेतु टीका का पर्याप्त इंतेजाम नही कर पा रहे हैं। यह कितना दुर्भाग्य है कि 12-13 करोड़ की आबादी वाले राज्य को केंद्र सरकार ने कुछ लाख वैक्सीन का झुनझुना थमा दिया और मुख्यमंत्री हाथ पे हाथ धरे बैठे हैं?

 उन्होंने सवाल खड़ा किया कि सरकार बताए कि अबतक कितने लोगों को टीका का दोनो डोज़ और कितने को प्रथम डोज़ मिला है और प्रथम डोज़ लेने वालों को दूसरा डोज़ कब तक मिलेगा?

उन्होंने पूछा कि मुख्यमंत्री को स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि आखिर इतने महत्वपूर्ण संवेदनशील और अनिवार्य विषय पर वे केंद्र सरकार की कृपा और दया पर निर्भर क्यों हो गए हैं वे खुद के द्वारा बिहार के लोगों के लिए टीका उपलब्ध कराने हेतु ग्लोबल टेंडर का सहारा क्यों ना ले रहे हैं आखिर करोड़ो लोगों के जानमाल का सवाल है और सरकार के पास स्वास्थ्य विभाग का 13 हजार करोड़ का बजट भी मुख्यमंत्री राहत कोष के अतिरिक्त मौजूद है।

उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे स्मरण करें कि चुनाव के वक्त उन्होंने और प्रधानमंत्री ने अनेकों चुनावी सभा मे राज्य के लोगों से यह वादा किया था कि सरकार में आने पर सभी को मुफ्त टीका लगाया जाएगा आखिर उस वादा को भी बिहार के लोग जुमला समझ लें या आप कुछ करेंगे?