मुबारक अंसारी
पटना, 26 दिसंबर 2023: राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु पर्यटन नीति 2023 को माननीय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आज मंगलवार को राज्य कैबिनेट की स्वीकृति मिल गयी है। पर्यटन के क्षेत्र में आधारभूत संरचनागत, समग्र समावेशी विकास एवं निवेश को प्रोत्साहन देने हेतु बिहार पर्यटन नीति 2023 का अनुमोदन सरकार ने किया है।
पर्यटन सचिव अभय कुमार सिंह ने निदेशालय सभागार में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में पर्यटन प्रक्षेत्र का विकास आर्थिक एवं सामाजिक गतिविधियों को भी प्रभावित करता है। विश्व के कई देशों यथा श्रीलंका, मलेशिया, थाईलैंड इत्यादि तथा देश के कई राज्यों यथा जम्मू कश्मीर, गोवा, सिक्किम, राजस्थान इत्यादि की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार पर्यटन प्रक्षेत्र है। हमारी नई नीति से पर्यटन स्थलों के आसपास रोजगार का सृजन होगा और आधारभूत सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। पर्यटन विभाग का अनुमान है कि नई नीति 10,000 करोड़ रुपये का निवेश लाएगी।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक नंद किशोर, पर्यटन निदेशक विनय कुमार राय उपस्थित थे।
प्रस्तावित बिहार पर्यटन नीति 2023 के उद्देश्य निम्नलिखित हैं:-
(1) विश्वस्तरीय आधारभूत संरचना का निर्माण,
(2) पर्यटकीय उत्पादों एवं अवसंरचनाओं का निर्माण,
(3) कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से प्रतिभाशाली कार्यबल का विकास,
(4) पर्यटक सुरक्षा एवं उत्कृष्ट सुविधा हेतु उच्चतम मानक पर जोर देना
(5) पर्यटन केन्द्रित सर्वोत्तम श्रेणी की प्रौद्योगिकी को लागू करना है।
इस नीति के फलस्वरूप पर्यटन प्रक्षेत्र में आशातीत वृद्धि होगी, जिससे राज्य में आर्थिक गतिविधियाँ बढ़ेगी साथ ही रोजगार एवं व्यापार की संभावनाएँ भी सृजित होगी। इस पर्यटन नीति के अन्तर्गत पर्यटन प्रक्षेत्र से जुड़े लाभुकों एवं निवेशकों को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जायेगा।
कुछ मुख्य प्रावधान निम्न प्रकार है:-
पूंजीगत सब्सिडी :-
(क) 10 करोड़ तक के निवेश में 30% सब्सिडी, अधिकतम सीमा-03 करोड़ ।
(ख) 50 करोड़ तक के निवेश में 25% सब्सिडी, अधिकतम सीमा 10 करोड़ ।
(ग) 50 करोड़ से ऊपर के निवेश में 25% सब्सिडी, अधिकतम सीमा 25 करोड़ ।
(घ) सब्सिडी की प्रतिपूर्ति वाणिज्यिक परिचालन शुरू होने पर 50 प्रतिशत, वाणिज्यिक संचालन के 02 वर्ष पूरा होने पर 25 प्रतिशत तथा वाणिज्यिक संचालन के 05 वर्ष पूरा होने पर 25 प्रतिशत के रूप में की जायेगी।
अन्य वित्तीय प्रोत्साहन :-
(1) भूमि रूपांतरण शुल्क- 100% प्रतिपूर्ति।
(ⅱ) भूमि के पट्टे /बिक्री/हस्तांतरण में स्टाम्प शुल्क तथा पंजीकरण शुल्क- एक मुश्त 100% प्रतिपूर्ति।
(ii) एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति वाणिज्यिक संचालन की तारीख से 05 वर्षों तक 80% एसजीएसटी प्रतिपूर्ति। इसकी अधिकतम सीमा स्वीकृत परियोजना लागत की 100% होगी।
(iv) विद्युत शुल्क प्रतिपूर्ति- नई पर्यटन इकाईयों को 05 वर्षों के लिए 100% प्रतिपूर्ति ।
(v) सूचीबद्ध होटल, रिसॉर्ट, टूर ऑपरेटर को पर्यटक गाईडों को रोजगार प्रदान करने हेतु प्रतिपूर्ति- पर्यटन विभाग द्वारा मान्यता प्राप्त गाईडों को भुगतान किये जाने वाले मासिक पारिश्रमिक का 5% प्रतिपूर्ति। (अधिकतम मासिक प्रतिपूर्ति सीमा 5,000/- रूपये प्रति गाईड दो वर्षों तक)
(vi) हरित (GREEN) प्रमाणीकरण किसी अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त एजेंसी से हरित प्रमाणीकरण प्राप्त करने हेतु प्रमाणन शुल्क का 50% प्रतिपूर्ति (अधिकतम सीमा 10.00 लाख रूपये)
(vi) MICE प्रोत्साहन: बैठकों, प्रर्दशनियों, सम्मेलनों एवं कार्यक्रमों के आयोजन लागत के लिए 50% जीएसटी प्रतिपूर्ति।