पटना: माओवादियों द्वारा बुधवार से “शहीद सप्ताह” मनाए जाने के मद्देनजर बिहार पुलिस ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। घटनाक्रम से वाकिफ अधिकारियों ने बताया कि झारखंड, उत्तर प्रदेश और नेपाल की सीमा से लगे माओवादी प्रभावित इलाकों में सुरक्षा बल कड़ी निगरानी रखे हुए हैं।
रिपोर्टों के अनुसार, प्रतिबंधित चरमपंथी संगठन भाकपा (माओवादी) द्वारा पोस्टर और बैनर लगाए गए हैं, जिसमें निवासियों से 28 जुलाई से 3 अगस्त तक कई जिलों के दूरदराज के गांवों में “शहीद सप्ताह” मनाने की अपील की गई है।
पोस्टरों में भाकपा (माओवादी) ने न केवल जनता से अपने काडर में शामिल होने की अपील की है बल्कि अपने गढ़ों में हमले और अन्य गतिविधियों को बढ़ाने की धमकी भी दी है।
प्रतिबंधित संगठन हर साल अपने उन सदस्यों को याद करने के लिए “शहीद सप्ताह” मनाता है जो सुरक्षा बलों के साथ लड़ते हुए मारे गए थे। देश में माओवादी आंदोलन के संस्थापक चारु मजूमदार की पश्चिम बंगाल में पुलिस हिरासत में मौत के बाद यह परंपरा 1972 में शुरू हुई थी।
पोस्टरों के अनुसार, पिछले 12 महीनों में आठ माओवादी प्रभावित राज्यों में कम से कम 160 माओवादी मारे गए हैं।
पुलिस ने बताया कि हाई अलर्ट तब जारी किया गया था जब खुफिया रिपोर्टों में कहा गया था कि उग्रवादी माओवादी क्षेत्रों पर हमला कर सकते हैं और सुरक्षा बलों और बुनियादी ढांचे जैसे ट्रेनों, बसों, रेलवे स्टेशनों, बस स्टेशनों और अन्य स्थानों को निशाना बनाकर हिंसा की प्रदर्शनकारी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं और वैसी जगह जहां भारी संख्या लोग एकत्रित हो सकते हैं।
पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों ने कहा कि अतिरिक्त पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती सुनिश्चित करने के अलावा, पड़ोसी राज्यों से माओवादियों के प्रवेश की संभावना को रोकने के लिए तलाशी अभियान और गश्त तेज कर दी गई है। सुरक्षा बलों को भी विशेष रूप से आईईडी और बारूदी सुरंगों के प्रति सतर्क रहने के लिए सतर्क किया गया है।
एक पुलिस अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “हमने सुरक्षा बलों को जमुई, लखीसराय, गया, औरंगाबाद और नवादा जिलों के इलाकों में लंबी दूरी की गश्त करने को कहा है।”