जयपुर, 30 अप्रैल 2021: मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने कोरोना के तेजी से बढ़ रहे संक्रमण की रोकथाम के लिए गृह विभाग को जन अनुशासन पखवाड़े की गाइडलाइन को और अधिक सख्त बनाने तथा इसे आगे भी लागू रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि  जरूरतमंद तबके की आजीविका का ध्यान रखते हुए ऎसी गाइडलाइन तैयार करें, जिससे लोगों का अनावश्यक आवागमन नहीं हो और संक्रमण की रफ्तार पर अंकुश लगाने में कामयाबी मिले। अन्यथा स्थितियां और विकट हो सकती हैं।
श्री गहलोत गुरूवार को वीडियो कॉन्फ्रंंेंस के माध्यम से कोरोना संक्रमण एवं संसाधनों की उपलब्धता की समीक्षा कर रहे थे। उन्होेंने कहा कि चिकित्सा मंत्री, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह तथा पुलिस महानिदेशक तमाम स्थितियों को ध्यान में रखकर जन अनुशासन की गाइडलाइन तैयार करें। हमारा प्रयास यह होना चाहिए कि संक्रमण की गति हर हाल में धीमी हो, चाहे इसके लिए और सख्त कदम उठाने पड़ें।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर दवा सहित अन्य संसाधनों की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह, कैबिनेट सचिव श्री राजीव गौबा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार श्री अजित डोभाल तथा प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव श्री पीके मिश्रा से दूरभाष पर चर्चा कर राजस्थान के हालातों से अवगत कराया है। उन्होंने राजस्थान के लिए ऑक्सीजन एवं रेमडेसिविर का कोटा बढ़ाने तथा अप्रेल माह के लिए आवंटित रेमडेसिविर के कोेटे को तत्काल प्रभाव से उपलब्ध कराने का आग्रह किया है। साथ ही आगामी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए राजस्थान को यह सभी संसाधन अधिक मात्रा में आवंटित करने की भी मांग रखी है। उन्होंने कहा है कि राजस्थान को संक्रमित रोगियों की संख्या के अनुपात में पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।
श्री गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जामनगर से आवंटित ऑक्सीजन का 185 मैट्रिक टन का बैकलॉग कोटा तत्काल प्राप्त करने के प्रयास करें ताकि कुछ समय के लिए राहत मिल सके। यह कोटा प्रदेश को टैंकर उपलब्ध नहीं होने के कारण नहीं मिल सका है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों को संकट की इस घड़ी में ऑक्सीजन एवं दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के हरसंभव प्रयास कर रही है। उन्होंने ऑक्सीजन कॉन्सनटे्रेटर सहित अन्य संसाधन दूसरे देशों से आयात करने की प्रक्रिया की दिशा में तेजी से आगे बढ़ने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जीवन रक्षा के लिए संसाधन जुटाने में किसी तरह की कमी नहीं रखी जाए।
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि लोगों के आवागमन को नियंत्रित करने के लिए जन अनुशासन पखवाड़े में और अधिक कड़े कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में चिकित्सा संसाधनों की उपलब्धता के लिए विभाग के द्वारा तेजी से निर्णय किए जा रहे हैं।
मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने बताया कि चिकित्सा उपकरणों के आयात के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुबोध अग्रवाल, आयुक्त विभागीय जांच डॉ. प्रीतम बी. यशवंत तथा संयुक्त सचिव वित्त टीना डाबी ने अन्य देशों से सम्पर्क शुरू कर दिया है। उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन कन्सेनट्रेटर की पहली खेप की आपूर्ति जल्द मिल जाएगी।
अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने संसाधनों की आपूर्ति के लिए केन्द्र सरकार से किए जा रहे समन्वय एवं अन्य प्रयासों के बारे में जानकारी दी।
प्रमुख सचिव गृह श्री अभय कुमार ने जन अनुशासन पखवाड़े की अवधि बढ़ाने और इसके लिए गाइडलाइन में संभावित सख्त दिशा-निर्देशों के संबंध में जानकारी दी।
पुलिस महानिदेशक श्री एमएल लाठर, प्रमुख वित्त सचिव श्री अखिल अरोरा, प्रमुख शासन सचिव आईटी श्री आलोक गुप्ता, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सचिव श्री सिद्धार्थ महाजन, स्वायत शासन सचिव श्री भवानी सिंह देथा, सचिव उद्योग श्री आशुतोष एटी, आरएमएससीएल के एमडी श्री आलोक रंजन, आरयूएचएस के कुलपति डॉ. राजाबाबू पंवार, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी, चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. वीरेन्द्र सिंह ने भी सुझाव दिए। बैठक में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक श्री पुरूषोत्तम शर्मा भी उपस्थित थे।