नई दिल्ली, 17 अप्रैल 2022: आयुष मंत्रालय और गुजरात सरकार ने आज भारत में पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में दो प्रासंगिक विकासों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक पूर्वावलोकन प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। जिसमें डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (जीसीटीएम) की महत्वपूर्ण आयोजन और वैश्विक आयुष निवेश तथा नवाचार शिखर सम्मेलन (जीएआईआईएस) का आयोजन शामिल है। दोनों कार्यक्रम गुजरात में आयोजित किए जा रहे हैं और इनमें प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी, मॉरीशस के प्रधानमंत्री श्री प्रविंद जगन्नाथ एवं डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस घेब्रेयसस की गरिमामयी उपस्थिति रहेगी। इन दोनों कार्यक्रमों में राजदूतों की भी गरिमायमी भागीदारी शोभा बढ़ाएगी।

डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, विश्‍व में अपनी तरह का पहला केन्‍द्र है, जिसका 19 अप्रैल, 2022 को जामनगर में उद्घाटन किया जाएगा। इस केंद्र का लक्ष्य पारंपरिक चिकित्सा की क्षमता को तकनीकी प्रगति और साक्ष्य-आधारित अनुसंधान के साथ एकीकृत करना है। जामनगर इसके आधार के रूप में कार्य करेगा और इस नए केंद्र का उद्देश्य विश्‍व को शामिल करना और उसे लाभान्वित करना है। यह केन्‍द्र चार मुख्य रणनीतिक क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिनमें साक्ष्य और शिक्षा; डेटा और विश्लेषण; स्थिरता और इक्विटी; तथा नवाचार और प्रौद्योगिकी शामिल है ताकि वैश्विक स्वास्थ्य में पारंपरिक चिकित्सा का अधिक से अधिक  योगदान प्राप्‍त हो।

वैश्विक आयुष निवेश तथा नवाचार शिखर सम्मेलन 20 अप्रैल से 22 अप्रैल, 2022 तक गांधीनगर में आयोजित किया जाएगा। इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में निवेश बढ़ाना और नवाचारों को प्रदर्शित करना है। यह दीर्घकालिक साझेदारी को बढ़ावा देने, निर्यात को प्रोत्‍साहन देने और एक स्थायी इकोसिस्‍टम को पोषित करने का एक अनूठा प्रयास है।

आगामी कार्यक्रमों पर टिप्पणी करते हुए, केंद्रीय आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनावल ने कहा कि दोनों कार्यक्रम भारत के आयुष उद्योग के लिए बहुत महत्‍वपूर्ण सिद्ध होंगे। वैश्विक आयुष निवेश तथा नवाचार शिखर सम्मेलन भारत को आयुर्वेदिक और हर्बल उत्पादों के लिए वैश्विक बाजार बनाने का अवसर प्रदान करेगा। हम आज एक स्वर्ण युग के द्वार पर खड़े हैं, जहां हम अपने पारंपरिक ज्ञान का पूरा लाभ उठा सकते हैं और उसका दुनिया की सेवा करने में उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि डब्ल्यूएचओ ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन भारत की वैश्विक स्वास्थ्य के प्रति उत्कृष्ट प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करता है। उन्नत प्रौद्योगिकी और प्राचीन ज्ञान के मोड़ पर खड़े होने से हमारे सामने एकमात्र रास्ता आगे बढ़ने का भी है।

राजकोट में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में श्री सर्बानंद सोनावाल, केंद्रीय आयुष मंत्री, डॉ. श्री मुंजपारा महेंद्रभाई कालूभाई आयुष राज्य मंत्री, श्री वैद्य राजेश कोटेचा सचिव, आयुष मंत्रालय जैसे विशिष्‍ट मेहमानों ने डब्‍ल्‍यूएचओ ग्लोबल सेंटर ऑफ़ ट्रेडिशनल मेडिसिन तथा वैश्विक आयुष निवेश तथा नवाचार शिखर सम्मेलन (जीएआईआईएस) की शुरुआत की। उन्होंने आयुष मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ के बीच साझेदारी की प्रमुख विशेषताओं के बारे में भी चर्चा की और कोविड के बाद की दुनिया में पारंपरिक चिकित्सा के क्षेत्र में निवेश और नवाचारों के महत्व पर जोर दिया। इस सम्मेलन में गुजरात सरकार के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री मनोज अग्रवाल भी उपस्थित थे।

जीसीटीएम पारंपरिक चिकित्सा उत्पादों पर नीतियां और मानक निर्धारित करना चाहता है। यह देशों को एक व्यापक, सुरक्षित और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य प्रणाली का निर्माण करने में भी मदद करेगा। ग्लोबल वैश्विक आयुष निवेश तथा नवाचार शिखर सम्मेलन पारंपरिक उत्पादों, प्रथाओं और संबंधित सेवाओं का वैश्विक केंद्र बनने के भारत के प्रयासों को रणनीतिक बनाने की एक महत्‍वपूर्ण पहल है।