पुणे, १७/०३/२०२३: एक सड़क हादसे के बाद एक 65 साल के मरीज को पुणे के कमांड हॉस्पिटल सदर्न कमांड में लाया गया। जब एडमिट किया गया तो उन के ब्रेन में जीवन के कोई संकेत नहीं दिख रहे थे। मृत्यु के बाद अंग दान के बारे में उन के परिवारवालों को अवगत किया गया ।
हॉस्पिटल के ट्रांसप्लांट को-ऑर्डिनेटर से बात करने के बाद, ऊँहोने किडनी दान करने का फैसला लिया । आवश्यक मंजूरी के बाद कमांड हॉस्पिटल सदर्न कमांड में प्रत्यारोपण टीम को तुरंत सक्रिय कर दिया गया और अलर्ट को जोनल ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेशन सेंटर (ZTCC) और आर्मी ऑर्गन रिट्रीवल एंड ट्रांसप्लांट अथॉरिटी (AORTA) को भी भेजा गया। 15 मार्च 2023 को डॉक्टर्स की टीम ने ब्रेन डेड मरिज के शरीर से दोनो किडनी निकाल कर, एक किडनी कमांड हॉस्पिटल सदर्न कमांड में एक 36 वर्ष की महिला, जो कि एक भारतीय सेना के सिपाही की पत्नी है, को लगाई गई, और दूसरी किडनी 35 वर्ष के एक मरीज को लगी, जो नाशिक के एक अस्प्ताल में भर्ती थे ।
मृत्यु के बाद अंगदान का एक उदार संकेत और कमांड हॉस्पिटल सदर्न कमांड में अच्छी तरह से समन्वित प्रयास ने गंभीर रूप से बीमार 2 रोगियों को जीवन किया। यह यही दर्शाता है कि हम किसी भी अंग को अपने साथ ले जाकर क्या करेंगे, जबकि इससे कुछ लोगो को जीवन मिल सकता है। जो नेत्रहीन हैं, उन्हें आंखे, जरूरतमंत को किडनी, लीवर जैसे अंग दान कर सकते हैं। यह ऐसी परिस्थितियों में जरूरतमंद रोगियों को अंगदान की अमूल्य भूमिका के बारे में जागरूकता भी फैलाता है।