नई दिल्ली,14 मई, 2021: केंद्र सरकार और हैदराबाद के भारत बायोटेक दूसरी कंपनीयों को कोवैक्सीन बनाने की अनुमति देगा। एक उच्च सरकारी सालाहकर ने गुरूवार को इस बात की जानकारी दी है। फिलहाल कोवैक्सीन का उत्पादन थोड़ा धीमा चल रहा है। इस वजह से कोवैक्सीन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए ऐसा फैसला लिया गया है।

नीति आयोग की सवास्थ्य समिति के सदस्य डॉ वीके पॉल ने कहा, “लोग कहते है की कोवैक्सीन के निर्माण की जिम्मेदारी अन्य कंपनीयों को भी दी जानी चाहिए। मुझे यह कहते हुए बहुत खुशी हो रही है कि चर्चा के समय कोवैक्सीन निर्माण कंपनी भारत बायोटेक ने इसका स्वागत किया है।”

डॉ पॉल ने बताया, “इस वैक्सीन की सहायता से एक जीवित वायरस को निष्क्रिय कर दिया जाता है। यह केवल BSL3 लेबरेट्री में ही तैयार किया जाता है। सभी कंपनी के पास यह नहीं है। कोई भी कंपनी जो कोवैक्सीन का निर्माण करना चाहती है हम उन्हें खुला निमंत्रण देते है। केंद्र पूरी मदद करेगा ताकि वैक्सीन बनाने की क्षमता बढ़ाई जा सके।”

डॉ पॉल ने यह बात तब कही जब सरकार ने यह ऐलान किया की इस साल अगस्त से दिसम्बर के बीच कोरोना वायरस टीके की 200 करोड़ से अधिक डोज बनने की आशा है। विपक्ष लगातार सरकार पर यह आरोप लगा रही है की सरकार ने वैक्सीन योजना को गलत तरीके से पेश किया था।

सरकारी आंकड़ो के मुताबिक, भारत में हर दिन 4000 के करीब मरीज की कोरोना से मौत हो रही है। रोज संक्रमण के नए मामले भी 4 लाख के पार हो गई है। इस बीच कई राज्यों में टिके की कमी देखी जा रही है जिस कारण एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की डोज के बीच के अंतर को 16 सप्ताह तक बढ़ा दिया गया है। देश में आए दूसरी लहर ने विशेषज्ञयों की चिंता बढ़ा दी है। फिलहाल देश में टीकाकरण की गति धीमी है। इसका मुख्य कारण उत्पादन और डिमांड के बीच का अंतर है। बता दे की देश में गुरुवार तक सिर्फ 3.82 करोड़ लोगों को टिके की दूसरी डोज लगी है जो की देश के 135 करोड़ की आबादी का 2.8% है।