पुणे : हर हर महादेव का जयघोष, रुद्र मंत्रपठण, शिवजी के जागर के साथ विश्वस्तर पर एक लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने ऑनलाईन महारुद्राभिषेक किया. भारत के थोर सपुत स्वामी विवेकानंद को अभिवादन, और विश्वशांति के साथ आतंकवाद का अंत करने हेतु यह महारुद्राभिषेक संपन्न हुआ. वाराणसी के श्री काशी विश्वनाथ के साथ बारा ज्योतिर्लिंगसहित देशभर के शिव मंदिर में रुद्रमंत्र और हर हर महादेव की गूंज उठी.
स्वामी विज्ञानानंद जी की प्रेरणा से, विश्व हिंदू परिषद के सहयोग से, और महादेव शिव जी के आशीर्वाद से, वयम के संस्थापक श्री गौरव त्रिपाठी के पर्यवेक्षण में ११ सितंबर को यह आयोजन, विश्व शांति और आतंकवाद के अंत के लिए, विश्व के सबसे बड़े ऑनलाइन महा रुद्राभिषेक का आयोजन हुआ। यह आयोजन श्री काशी विश्वनाथ मंदिर, वाराणसी, श्री ओंकारेश्वर मंदिर पुणे के अलावा विश्व के अन्य कई मंदिरों में एक साथ हुआ।
पुणे के ओंकारेश्वर मंदिर में विश्व हिंदू परिषद के संपर्क प्रमुख मनोहर ओक, लंडन से आए अलेक्स हॅन्की व शिवभक्त पवार ने रुद्राभिषेक किया. प्रत्यक्ष व ऑनलाईन सहभाग लेते हुए विश्वभर से श्रद्धालुओं ने बढ़िया रिस्पॉन्स दिया. दोपहर ३.३० से ४.३० के बिच यह महारुद्राभिषेक हुआ. पूर्व डेप्युटी मेयर सरस्वती शेंडगे, श्री ओंकारेश्वर देवस्थान के मुख्य विश्वस्त धनोत्तम लोणकर, भारतमाता महिला मंडळ ट्रस्ट की कार्याध्यक्ष प्रियंका शेंडगे-शिंदे आदी उपस्थित थे. बालन समूह के प्रबंधक श्री पुनीत बालन, क्रिएटिव कार्व के संस्थापक श्री पवन सराफ, समसारा कैपिटल के संस्थापक श्री मनीष जालान, पार्टेक्स एन वी के संस्थापक श्री गुंजन भारद्वाज, इनोप्लेक्सस कंसल्टिंग सर्विसेज के कार्यकारी अधिकारी श्री अमित अननपारा का आभार व्यक्त करते हैं, जिनके आर्थिक सहयोग से यह कार्यक्रम सफल हो पाया।
काशी विश्वनाथ मंदिर में आज इतिहास रच दिया गया जब दुनिया का सबसे बड़ा वर्चुअल रुद्राभिषेक चल रहा था। मंदिर से रुद्राभिषेक को दुनिया भर के प्लेटफार्मों पर प्रसारित किया गया, जिसमें १४१ से अधिक देशों के हिंदू लाइव शामिल हुए। उडुपी की एक युवा उद्यमी और आत्मा फाउंडेशन की प्रबंध निदेशक सुश्री रश्मि सामंत ने लाइव में शामिल होने वाले प्रत्येक प्रतिभागी की ओर से संकल्प लिया।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए डिजिटल इंडिया के प्रयासों की सफलता के कारण भारत के भीतर भी भारी भागीदारी थी। कुल भागीदारी सभी प्लेटफार्मों पर अपेक्षाओं को पार कर गई और ऑनलाइन अपेक्षित दर्शकों की संख्या को तिगुना कर दिया। हम इस आयोजन के प्रबंधन और सफल आयोजन के लिए श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन और संस्था के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री सुनील वर्मा जी के आभारी हैं, ऐसा संयोजक गौरव त्रिपाठी ने बताया.
भारत शांतता, एकात्मता और विकास को बढ़ावा दे रहा है, यह सन्देश विश्व को देने का प्रयास इससे किया गया. १२९ साल पहले स्वामी विवेकानंद ने विश्व को सम्बोधित करते हुए शांति का सन्देश दिया था. उसी का स्मरण करने और अमेरिका पर २००१ में हुए आतंकवादी हमले में मृत लोगो को श्रद्धांजलि देने का भी उद्देश्य इसके पीछे था, ऐसा मनोहर ओक ने बताया.
भारतीय संस्कृती सहिष्णू है. एकात्मता, बंधुभाव इसका आधार है. पुरे विश्व को शांति का मार्ग दिखने की क्षमता भारत रखता है. अध्यात्म से जुडी इस भारतीय संस्कृति में रुद्राभिषेक को बहुत महत्व है. विश्व को भयमुक्त और आतंकवाद मुक्त करने हेतु मैंने इस महारुद्राभिषेक में प्रार्थना की है.