पुणे, मार्च, ०८/०३/२०२२: चाहे वह आर्टिसनल केक हो , कपकेक, कुकीज या फिर कस्टमाइज्ड थीम केक की बात हो, पुणे स्थित अंतरराष्ट्रीय ख्याति की केक मेकर प्राची धबल देब के बनाए गए केक दुनिया भर का ध्यान अपनी ओर खींचते हैं. उत्कृष्ट केक-मेकर प्राची द्वारा बनाए गए केक की विशेषता उनके द्वारा खास अंदाज़ में बनाया रॉयल आइसिंग है. रॉयल आइसिंग बेहद ही जटिल पाक कला है जिसमें प्राची ने महारत हासिल की है. इस कला को उन्होंने विश्व प्रसिद्ध केक मेकर आइकन, सर एडी स्पेंस एमबीई द्वारा यूनाइटेड किंगडम जाकर सीखा है. इस दिशा में, हाल ही में प्राची ने एक नवीन उपलब्धि हासिल की है. उन्होंने रॉयल आइसिंग बनाने के क्षेत्र में अपनी काबिलियत के दम पर वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह बनाई है. यह सम्मान, उनके द्वारा शाकाहारी सामग्री से बना 100 किलो का भव्य मिलान कैथेर्डल (चर्च) केक की रॉयल आइसिंग संरचना के लिए मिला हैं. दुनिया भर में यह स्मारक यानि भव्य मिलान कैथेर्डल (चर्च) सुंदरता व सौंदर्यशास्त्र का बेजोड़ प्रतीक है.
अपने इस कीर्तिमान के विषय में कहते हुए , प्राची जो उम्र के लिहाज़ से तीस के पड़ाव पर है, ने कहा, “पिछले कुछ एक वर्षों में मैंने अपने काम में बहुत मेहनत की है. मुझे बेहद ख़ुशी है कि मेरे इस काम को इंडस्ट्री और देश दुनिया ने गर्मजोशी के साथ सराहा. खासकर, वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन द्वारा इस उपलब्धि के लिए मुझे विशेष सम्मान मिलना बहुत मायने रखता है. यह मानो एक सपने जैसा ही है. मैं इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए इस संस्थान की बहुत आभारी हूं. सच कहूं तो इसे पाकर मैं ह्रदय से गदगद हूँ”. इस कामयाबी के बारे में वे आगे कहती हैं “इसे बनाने की प्लानिंग व तैयारी में बहुत समय लगा क्योंकि कैथेड्रल की रचना के लिए लगभग 1,500 टुकड़ों की आवश्यकता थी. हर टुकड़े को मैंने ही अकेले तैयार किया और बाद में इस सभी टुकड़ों को एक साथ जोड़कर एक ढांचे का रूप देने में मुझे लगभग एक महीने का समय लगा. इस कैथेड्रल संरचना के हर पहलू को सटीक बनाना अपने आप में चुनौतीपूर्ण था. और तो और इस पूरी परियोजना में मुझे बड़ा मज़ा आया”. इस संरचना की लंबाई 6 फीट 4 इंच, ऊंचाई 4 फीट 6 इंच और चौड़ाई 3 फीट 10 इंच है. आमतौर पर रॉयल आइसिंग के लिए पारंपरिक नुस्खे में अंडे का प्रयोग होता है. लेकिन इसे भारतीय बाजार में रुचि-कर बनाने के लिए प्राची ने एक भारतीय कंपनी-“सुगरिन” के सहयोग से रॉयल आइसिंग (वेगन रॉयल आइसिंग) सम्बन्धी अंडा-मुक्त व शाकाहारी उत्पाद विकसित किया. और अब यह उत्पाद भारत के साथ-साथ दुनिया भर में भी उपलब्ध है.
प्राची का काम बेजोड़ हैं और वह अपने काम में निपुण है. उन्हें रॉयल व आकर्षक लगने वाले बेक बनाने में महारत हासिल है. उनके द्वारा बनाये बेक दिखने में भव्य तो होते ही हैं अपितु स्वाद के हिसाब से भी उतने ही अच्छे होते हैं. अपनी इस खूबी के चलते लोग उन्हें ‘ क्वीन ऑफ़ रॉयल आइसिंग’ की उपमा से भी संबोधित करते हैं. उन्होंने दुनिया भर के जाने माने कलात्मक संरचनाओं से प्रेरणा ली है तथा उन्हें अपने अपने केक के डिज़ाइन में बसाने का प्रवास प्रारंभ किया है.. वे कहती हैं “मैं हमेशा विक्टोरियन और यूरोपीय वास्तुकला की सुंदरता और लालित्य से सम्मोहित रही हूँ. किसी को भी इन स्मारक की भव्यता मंत्रमुग्ध कर देती है.
भारत में एक शीर्ष का ‘रॉयल आइसिंग’ बनाने वाले कलाकार के रूप में पहचान मिलना एक बड़ी बात हैं. दरअसल यह काम बेहद चुनौतीपूर्ण हैं. इसकी खास बात यह हैं कि यह इतना प्रतिष्ठित इसलिए भी है क्योंकि इसका उपयोग ब्रिटिश शाही परिवार के लिए केक सजाने के लिए किया जाता है. इसमें महारत हासिल करने के लिए बहुत ही धैर्य और कौशल की आवश्यकता होती है. दुनिया भर में कुछ एक लोग ही इस दिशा में सफल हो पाए हैं.२014 में उन्होंने पहली बार 3-4 इंच लंबा रॉयल आइसिंग गज़ेबो बनाया था. उसके बाद इसमें उनकी महारत बढ़ती गई और उन्होंने रॉयल आइसिंग के रूप में भिन्न- भिन्न संरचनाओं को साकार किया. उदाहरण के लिए, एक 3.9 फीट की एक रॉयल आइसिंग संरचना उन्होंने २०२० में बनाई थी. और इस साल मिलान कैथेड्रल बनाकर उन्होंने एक कीर्तिमान रच दिया. प्राची के माता-पिता देहरादून से हैं और उनकी उनके पति पुणे में आई.टी प्रोफेशनल हैं. वे मूल रूप से पश्चिम बंगाल की भूतपूर्व धालभूम एस्टेट के शाही परिवार से आते हैं.
अपनी योजनाओं के विषय में प्राची ने बताया “इस दिशा में अपने कौशल और कलात्मकता को बनाए रखने के लिए नई तकनीकों और तत्वों की खोज जारी रखना बेहद ज़रुरी है. रॉयल आइसिंग कला को लोगो तक पहुँचाना और इसे बेकिंग इंडस्ट्री में योग्य पहचान दिलाने के लिए मैं कटिबद्ध हूँ. आगे चलकर मैं अपने उत्पादों में विविधता लाना चाहती हूँ. “
पुरस्कार व सम्मान –
– फोर्ब्स में ‘आधुनिक भारत के गेम चेंजर्स ‘ की सूची में चयन – मार्च 2020।
– इकोनॉमिक टाइम में भारत के ‘ईटी न्यू मेकर’ की सूची में चयन – नवंबर 2020
– ‘टाइम्स वुमन ऑफ सब्सटेंस’ सम्मान – मार्च 2021
– फोर्ब्स इंडिया में ‘डब्ल्यूबीआर कॉर्प यूके लिमिटेड 45 अंडर 45’ की सूची में चयन
– फेमिना द्वारा ‘ फेमिना मोस्टपावरफुल वीमेन २०२१’ सम्मान
– केक मास्टर्स मैगज़ीन इंडिया द्वारा 2017 में ‘टॉप 10 केक आर्टिस्ट ऑफ़ इंडिया’ की सूची में चयन
– बर्मिंघम में वर्ष 2019 के लिए केक मास्टर्स रॉयल आइसिंग पुरस्कार
– बृजभूमि फाउंडेशन द्वारा 2019 में महाराष्ट्र की शीर्ष 50 सबसे प्रभावशाली महिला की सूची में चयन
– ज़ी इंडिया एक्सीलेंस अवार्ड्स द्वारा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध ‘केक कलाकार पुरस्कार’
– लोकमत ग्रुप द्वारा 2020 और 2021 के लिए पुणे की ‘वीमेन एचीवर सम्मान’
– भारत लीडरशिप अवार्ड २०२१ – ( महाराष्ट्र के राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी के कर-कमलों से)
– टॉप 4- रॉयल आइसिंग आर्टिस्ट केक मास्टर्स अवार्ड्स बर्मिंघम, 2017
– अंडा मुक्त व शाकाहारी रॉयल आइसिंग संरचना के लिए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन द्वारा २०२२ में सम्मान