पुणे, ०५/०६/२०२३: कार्यालय, रक्षा लेखा प्रधान नियंत्रक (दक्षिण कमान), पुणे में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. राजीव एस चव्हाण, भा.र.ले.से.
एन.डी.सी. र.ले.प्र.नि. (द.क.) ने कार्यालय परिसर में प्रातः 11.30 बजे पौधे (आम का) का रोपण किया गया । उक्त अवसर पर उपस्थित सभी अधिकारीगणों और कर्मचारियों द्वारा पर्यावरण को हरसंभव संरक्षित करने हेतु हिंदी और अंग्रेजी में प्रतिज्ञा दी गई ।

उक्त भव्य अवसर पर, अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डॉ. राजीव एस चव्हाण, भा.र.ले.से. एन.डी.सी. र.ले.प्र.नि.(द.क.) ने सभी अधिकारियों तथा कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि अब हमारी हरी-भरी, सौन्दर्यपूर्ण
पृथ्वी को बचाने का समय आ गया है । हमारी पृथ्वी, हमारा पर्यावरण खतरे में है । यदि पृथ्वी को नहीं बचाया गया तो संपूर्ण मानवजाति भी इस आपदा से अछूता नहीं रह पाएगी । यद्यपि, इस प्रदूषित पर्यावरण को प्रदूषणमुक्त
करने का यथासंभव प्रयास किया जा रहा है, परंतु इस दिशा में और भी कार्य करना अभी शेष है । यदि हम पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करेंगे, उस पर अपना निरंकुश नियंत्रण कायम करना चाहेंगे तो उसके बदले पूरी मानवजाति, पशु-पक्षी को प्रकृति पर हो रहे असीमित अत्याचार का दंड भुगतना पड़ेगा । इस विपदा से जितनी जल्द निपटारा करे उतना ही मनुष्य जाति, वनस्पति और प्राणियों के लिये योग्य सिद्ध होगा ।

आज मानव आधुनिक जीवन-शैली के तृष्णामय जाल में फंसा हुआ है । ग्लोबल वार्मिंग, जंगलों का कम होना, हिमाच्छादित पर्वत चोटियों से हिम आवरण का पिघलना, बेमौसम बरसात, अकाल यह सारी खतरे की घंटी है जिससे समय पर जागना ही हमारे भविष्य और आने वाली पीढ़ियों तथा सम्पूर्ण पृथ्वी को बचा सकता है ।

ए.सी., रेफ्रिजरेटर से उत्सर्जित क्लोरो-फ्लोरो कार्बन पृथ्वी के ओज़ोन लेयर को नष्ट कर रहा है जिसके कारण सूर्य की हानिकारक अल्ट्रा –वायलेट किरणें हमारे शरीर को नुकसान पहुँचा रही है । मनुष्य ने प्लास्टिक को
अपने जीवन का अभिन्न अंग बना लिया है और इसके बेरोक इस्तेमाल से पर्यावरण को हानि पहुँच रही है । हमें प्लास्टिक का समझदारी से इस्तेमाल करना सीखना होगा । हमें कागज़ का इस्तेमाल कम से कम करना होगा और “गो ग्रीन – बी ग्रीन” पर बल देना होगा । साथ ही, हमें अधिकाधिक पेड़ लगाने होंगे और पेड़ों को कटने से बचाने होंगे ।

हमारा जीवन प्रकृति के संसाधनों से ही सराबोर है । हम प्रकृति से जितना ले रहे हैं, उतना प्रकृति को लौटाना भी चाहिए । हमें अपनी आवश्यकताओं पर अंकुश डालना होगा । हमें पर्यावरण को बचाने के छोटे –छोटे उपाय दैनन्दिन जीवन में लेने होंगे । हमें जंगलों को बचाना होगा । हमें ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव को रोकने का हरसंभव प्रयास करना होगा ताकि कार्बन का उत्सर्जन कम किया जा सके ऍर सृष्टि एक आनंदमय स्थान में तब्दील हो सके । हमारा उद्देश्य पर्यावरण को स्वच्छ तथा हरा – भरा रखना है और इसलिए हमें अन्य गैर पारंपरिक ऊर्जा विशेष तौर पर वायु एवं सौर ऊर्जा को समाविष्ट किया जाना चाहिए एवं इन ऊर्जाओं का प्रयोग अधिकाधिक मात्रा में करना चाहिए ।

भाषण के उपरांत, डॉ. राजीव चव्हाण, भा.र.ले.से.,एन.डी.सी. र.ले.प्र.नि.(द.क.) पुणे ने रक्षा लेखा विभाग के चित्रगुप्त तथा वानवडी में स्थित आवासीय परिसर में जाकर पौधे लगाए, जहां अधिकारी / कर्मचारियों
व उनके के परिवारों ने भी पर्यावरण रक्षण हेतु कार्य करने का संकल्प लिया । तदुपरांत, माननीय परम आदरणीय रक्षा सेवाएं वित्तीय सलाहकार तथा महानियंत्रक महोदया श्रीमती रसिका चौबे के निदेशानुसार अपराह्न 3.30 बजे
डॉ. राजीव चव्हाण, भा.र.ले.से.,एन.डी.सी. र.ले.प्र.नि.(द.क.) पुणे ने पर्यावरण जागरूकता व पर्यावरणपूरक जीवनशैली को प्रशिक्षण मॉड्यूल में शामिल करने की शुरुआत के रूप में एक विशिष्ट व्याखान दिया जिसमें
उन्होंने मुख्य कार्यालय के तथा वीडियो कॉन्फ्रेंस से जुड़े संगठन के 109 अधीनस्थ कार्यालयों के समस्त अधिकारियों तथा कर्मचारियों को पर्यावरण संरक्षण की महत्ता बताते हुए उस पर ध्यान तथा बल देने के लिए प्रेरित व
प्रोत्साहित किया । पर्यावरण को समृद्ध बनाने हेतु सामूहिक रूप से कदम उठाने के लिए उपाय बताए गए एवं सभी को इस पुण्य कार्य में अपना योगदान देने हेतु उत्साहित किया गया ।