नई दिल्ली, 25 जून, 2021: जम्मू-कश्मीर में हाल में हुए जिला विकास परिषद (डीडीसी) चुनाव में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), नेशनल कांफ्रेस समेत गुपकार गठबंधन के दलों ने भले ही अनुच्छेद-370 की वापसी की बात उठाई हो, लेकिन सच्चाई यह है कि अब वे भी मान चुके हैं कि अब ये नहीं हो सकता। यही वजह है कि पीडीपी और नेशनल कांफ्रेस जैसे जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने प्रधानमंत्री के साथ गुरुवार को हुई बैठक में यह बात उठाई तो जरूर, मगर नेशनल कांफ्रेस ने साफ कर दिया कि वह कोई गैरकानूनी कदम नहीं उठाएगी, जो भी लड़ाई लड़नी होगी वह कानूनी रूप से लड़ेगी। हांलाकि, पीडीपी ने जरूर कहा कि वह संघर्ष करती रहेगी। जबकि कांग्रेस ने अनुच्छेद-370 की बात छेड़ने के बजाय सिर्फ डोमिसाइल की बात की। ऐसे में लगभग साढ़े तीन घंटे चली बैठक में मांग विधानसभा चुनाव और पूर्ण राज्य के दर्जे पर केंद्रित रही।
इस बैठक मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की तरफ से फिर भरोसा दिलाया गया कि परिसीमन होते ही चुनाव होंगे और सही वक्त आते ही जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा भी मिल जाएगा। उन्होंने कहा कि पूर्ण राज्य का दर्जा देने में चुनाव अहम कदम साबित होंगे।
इस बैठक के लिए कोई एजेंडा तय नहीं किया गया था बल्कि सभी को यह अवसर दिया गया कि सभी अपने विचार खुलकर रखें। सभी ने माना कि बैठक बहुत अच्छे माहौल में हुई। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद की ओर से राजनीतिक बंदियों को छोड़ने की भी बात कही गई। उनकी ओर से तीन दशकों के दौरान जम्मू-कश्मीर छोड़ चुके कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास के लिए हर प्रयास करने की बात रखी।
आजाद ने नौकरियों और जमीन पर हक में डोमिसाइल की शर्त रखने की भी मांग की। ऐसी ही मांगें दूसरे दलों ने भी की। पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि अनुच्छेद-370 को जिस तरह हटाया गया उसके खिलाफ आंदोलन जारी रहेगा। जबकि फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि अब एक नया कानून बन गया है तो उनकी लड़ाई कानूनी होगी।
प्रधानमंत्री ने राज्य में हो रहे विकास कार्यो पर संतोष जताया और कहा कि जम्मू-कश्मीर के युवाओं को अवसर देने का वक्त आया है, लेकिन इसके लिए जरूरी है कि प्रदेश में भ्रष्टाचार मुक्त शासन हो। सरकार लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बहाली के लिए कृतसंकल्प है और इसीलिए पिछले महीनों में डीडीसी चुनाव भी हुए। आगे भी प्रक्रिया को बढ़ाया जाना है। लेकिन यह हर किसी की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि प्रदेश के हर वर्ग में सुरक्षा और विकास की भावना बढ़े। किसी एक की भी मौत बेहद दुखदायी होती है। सभी को मिलकर इसे रोकना होगा। उन्होंने हर दल से अपील की कि परिसीमन की चर्चा में जुटें और इसे तेज करें। बता दे की परिसीमन आयोग की पिछली बैठकों में नेशनल कांफ्रेंस के नेता शामिल नहीं हुए थे।