नई दिल्ली, 21 जून, 2021: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग करते हुए सोमवार को कहा कि संसद के आने वाले मानसून सत्र में ‘आपत्तिजनक कानूनों’ को निरस्त कर, वहां पूर्व की यथास्थिति बहाल की जाए।

पूर्व गृह मंत्री ने केंद्र सरकार से यह मांग, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों की बुलाई गई बैठक से ठीक पहले की है। उन्होंने ट्वीट किया, “कांग्रेस पार्टी का रुख जो कल था उसे पुनः दोहराया जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल किया जाना चाहिए। इसमें किसी भी प्रकार का संदेह या अस्पष्टता नही रहनी चाहिए।”

चिदंबरम ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को एक राज्य संविधान के तहत बनाया गया था, उसे संसद के किसी अधिनियम द्वारा संविधान के प्रावधानों की गलत व्याख्या और दुरुपयोग से बदला नहीं जा सकता। उन्होंने कहा, “कृपया याद रखें कि जम्मू-कश्मीर के विभाजन को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है और मामला लगभग 2 वर्षों से लंबित है। मानसून सत्र में, संसद को आपत्तिजनक कानूनों को निरस्त कर, जम्मू-कश्मीर में पूर्व की यथास्थिति बहाल करनी चाहिए।”

पी चिदंबरम ने कहा, ‘”जम्मू-कश्मीर एक ‘स्टेट’ था जिसने विलय के एक दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए और भारत में  मिल गया। इसे हमेशा के लिए उसी स्थिति में रहना चाहिए। जम्मू-कश्मीर ‘रियल एस्टेट’ का हिस्सा नहीं है। जम्मू-कश्मीर वहां के लोगों से हैं। उनके अधिकारों और इच्छाओं का सम्मान किया जाना चाहिए।”