हरदा, 27 अप्रैल 2021: मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी के प्रबंध संचालक श्री गणेश शंकर मिश्रा ने कोविड-19 पीड़ित बिजली कंपनी के नियमित कार्मिकों को विषम एवं गंभीर परिस्थितियों में चिकित्सा उपचार की सुविधा मुहैया कराने के लिए “कोविड-19 चिकित्सा अग्रिम तत्काल सहायता योजना” स्वीकृत की है। कंपनी के नियमित कार्मिकों के लिए कोविड-19 से पीड़ित होने पर उन्हें चिकित्सा उपचार के लिए 3 लाख रूपये का अग्रिम तत्काल स्वीकृत किया जाएगा। यह चिकित्सा अग्रिम संबंधित कार्मिक की कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट, चिकित्सक की उपचार पर्ची एवं अस्पताल में भर्ती होने की सलाह संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करने पर स्वीकृत किया जाएगा। इसके लिए मैदानी स्तर पर क्षेत्रीय मुख्य महाप्रबंधक एवं कंपनी मुख्यालय में मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन एवं प्रशासन) को स्वीकृति के अधिकार दिए गए हैं। चिकित्सा अग्रिम प्राप्त करने वाले संबंधित कार्मिक को आदेश जारी होने की दिनांक से छः माह के भीतर चिकित्सा प्रतिपूर्ति देयक दस्तावेज के साथ प्रस्तुत करना होगा। यह योजना 24 अप्रैल से आगामी तीन माह के लिए लागू रहेगी।
संविदा कार्मिकों को अधिकतम 70 हजार रूपये का अग्रिम

 मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बताया है कि कंपनी कार्यक्षेत्र में कार्यरत संविदा कार्मिकों एवं उनके आश्रित परिवार के सदस्यों को कोविड-19 से पीड़ित होने पर चिकित्सा उपचार की सुविधा मुहैया कराने के लिए “कोविड-19 संविदा पारिश्रमिक अग्रिम योजना” स्वीकृत की गयी है। योजना के अंतर्गत संविदा कार्मिकों एवं उनके आश्रित परिवार के सदस्यों के लिए कोविड-19 से पीड़ित होने पर चिकित्सा उपचार के लिए दो माह का पारिश्रमिक (अधिकतम राशि 70 हजार रूपये) का अग्रिम स्वीकृत किया जाएगा। यह चिकित्सा अग्रिम संबंधित कार्मिक एवं परिवार के सदस्यों की कोविड पॉजिटिव रिपोर्ट, चिकित्सक की उपचार पर्ची एवं अस्पताल में भर्ती होने की सलाह संबंधी दस्तावेज प्रस्तुत करने पर स्वीकृत किया जाएगा। इसके लिए संविदा कार्मिक के आहरण एवं संवितरण अधिकारी को राशि स्वीकृति के अधिकार दिए गए हैं। आहरित पारिश्रमिक की वसूली संबंधित संविदा कार्मिक के वेतन से समान छः किश्तों में प्राप्त की जाएगी। कार्मिक की संविदा अनुबंध अवधि छः माह से कम होने की स्थिति में अग्रिम राशि की वसूली तदनुसार शेष संविदा अवधि के पारिश्रमिक से समान किश्तों में की जाएगी। यह योजना 24 अप्रैल से आगामी तीन माह के लिए लागू रहेगी।