भोपाल, गुरूवार, जून 11, 2020: मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रालय से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के लगभग 6 हजार सरपंचों/पूर्व सरपंचों को संबोधित किया। उन्होंने वीसी से जुड़े उपस्थित सरपंचों/पूर्व सरपंचों से संवाद भी किया। मुख्यमंत्री ने सरपंचों से पंच-परमेश्वर योजना, मनरेगा के कायों, श्रम सिद्धि अभियान, रोजगार सेतु पोर्टल पर पंजीयन, गौशाला निर्माण, नि:शुल्क राशन वितरण तथा कोरोना की स्थिति के संबंध में चर्चा की।वीसी में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हमारा हिन्दुस्तान गाँवों में बसता है। गाँवों के विकास से ही देश एवं प्रदेश का विकास संभव है। मध्यप्रदेश सरकार द्वारा ग्रामीण विकास के लिए पर्याप्त राशि पंचायतों को दी जा रही है। सरकार ने पंच-परमेश्वर योजना को दोबारा चालू किया है तथा 14वें वित्त आयोग की 1830 करोड़ 7 लाख रूपये की राशि पंचायतों को भिजवाई गई है। (1555 करोड़ रूपये अधोसंरचना विकास एवं पेयजल व्यवस्था के लिए तथा 275 करोड़ रूपये कोविड रोकथाम के लिए)। सरपंच इस राशि का समुचित उपयोग करें। कोरोना की रोकथाम के साथ ही अच्छी गुणवत्ता के स्थाई प्रकृति के विकास कार्य करवाएं। जल एवं स्वच्छता संबंधी कार्यों को प्राथमिकता दें।

कोविड की रोकथाम के लिए 275 करोड़ रूपए

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना रोग शहरों से ही गाँवों में पहुंचा है। अभी मध्यप्रदेश के 440 गाँवों में 904 कोरोना के मरीज पाए गए है। सरकार ने कोविड की रोकथाम के लिए ग्राम पंचायतों को 14वें वित्त आयोग की 15 प्रतिशत राशि 275 करोड़ रूपए भिजवाई है। इसे मास्क, साफ सफाई, साबुन, सेनेटाइजर, पीपीई किट आदि पर खर्च किया जा सकता है। प्रदेश में कोरोना के मरीज तीव्र गति से स्वस्थ हो रहे हैं फिर भी पूरी सावधानी की आवश्यकता है। कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सभी मास्क लगाएं, दो गज की दूरी रखें तथा अन्य सावधानियां बरतें।    

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का देसी नुस्खा बताया 

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का देसी नुस्खा भी सरपंचों को बताया। उन्होंने बताया कि गिलोए को पानी में उबालें, एक कप में पाँच तुलसी के पत्ते, तीन काली मिर्ची तथा हल्दी डालकर उसका काढ़ा बनाकर पिएं। इसके साथ ही नियमित रूप से योगासन और प्राणायाम करें।

प्रत्येक ग्राम पंचायत को औसत 8 लाख रूपये की राशि

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि ग्राम पंचायतों को अधोसंरचना विकास, पेयजल संबंधी कार्य, संधारण कार्य आदि के लिए 14वें वित्त आयोग की 1555 करोड़ रूपये की राशि भिजवाई गई है। प्रत्येक ग्राम पंचायत को औसत 8 लाख रूपये की राशि प्राप्त हुई है।

1256 करोड़ की राशि मजदूरों के खातों में

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि मनरेगा के अंतर्गत 1256 करोड़ रूपये की राशि मजदूरों के खातों में पहुंचाई गई है। प्रदेश में प्रतिदिन औसतन 25 लाख 14 हजार मजदूरों को मनरेगा के तहत रोजगार कार्य दिलाया जा रहा है। श्रमसिद्धि अभियान में भी 7.5 लाख से अधिक मजदूरों को जॉब कार्ड उपलब्ध कराए गए हैं। रोजगार सेतु पोर्टल पर 7 लाख 30 हजार प्रवासी श्रमिकों और इन्हीं श्रमिकों के 5 लाख 79 हजार परिवार के सदस्यों को मिलाकर कुल 13 लाख 10 हजार का पंजीयन किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने सरपंचों से कहा कि वे देखें कि किसी भी स्थिति में मनरेगा के अंतर्गत मशीनों से कार्य न हो।

जीरो प्रतिशत ब्याज पर गत वर्ष के ऋण की अदायगी 30 जून तक

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि सरकार ने किसानों के कल्याण के लिए जीरो प्रतिशत ब्याज पर फसल ऋण लेने की योजना पुन: प्रारंभ की है। गत वर्ष जिन किसानों ने जीरो प्रतिशत ब्याज पर ऋण लिया था अब उनके लिए ऋण अदायगी की तिथि को बढ़ाकर 30 जून कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री ने इन सरपंचों/पूर्व सरपंचों से चर्चा की

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने वीसी के माध्यम से जिला सूचना केंद्रों में उपस्थित सरपंच/उपसरपंच से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने बालाघाट जिले की ग्राम पंचायत परासपानी की श्रीमती किरण चौधरी, मण्डला जिले की ग्राम पंचायत तिंदनी की श्रीमती संध्या, रतलाम जिले ग्राम पंचायत केलकच्छ के श्री मुकेश डोडियार, अलीराजपुर जिले की ग्राम पंचायत सन्दा के श्री श्यामसिंह बामनिया, अनूपपुर  जिले की ग्राम पंचायत सकरा की श्रीमती विमला सिंह, भिण्ड जिले की ग्राम पंचायत उझावल के श्री राममिलन यादव, दतिया जिले ग्राम पंचायत बिछोंदना के श्री पंकज पुजारी, सीहोर जिले की ग्राम पंचायत धुराडाकला के श्री राजाराम गोयल, टीकमगढ़ जिले की ग्राम पंचायत वौरी के श्री कीरत लोधी तथा बैतूल जिले की ग्राम पंचायत पावरझण्डा के श्री ईश्वर दास कुमार से चर्चा की।

ग्राम पंचायत विकास योजना को अपलोड करने में मध्यप्रदेश अव्वल

इस दौरान अपर मुख्य सचिव श्री मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि 15वें वित्त आयोग के अंतर्गत वर्ष 2020-21 के लिए ग्राम पंचायत विकास योजना (GPDP) बनाने एवं उसे भारत सरकार के पोर्टल पर अपलोड करने में मध्यप्रदेश पूरे देश में प्रथम है। प्रदेश की 22756 पंचायतों द्वारा योजना अपलोड कर दी गई है।