पुणे, 15 जुलाई 2022: पुणे की जानी-मानी ज्वैलरी फर्म बोनीसा ने हाल ही में ‘एक-इंडिया मिशन’ लांच किया है| इसके तहत वे हमारे देश की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ यानी ‘भारत के अमृत महोत्सव’ के अवसर पर इस वर्ष 7,500 सैनिकों को सोना, चांदी, हीरे व विभिन्न राज्यों से लाई गई मिट्टी से बनी ‘कमिटमेंट रिंग ‘ उपहार में देने जा रहे हैं|

इस दिशा के पहले चरण में, पैराप्लेजिक रिहैबिलिटेशन सेंटर (पी.आर.सी), खड़की के 88 भूतपूर्व सैनिकों को बीते गुरुवार शाम एक शानदार समारोह में ‘एक इंडिया रिंग’ प्रदान कर सम्मानित किया गया|

लगभग एक साल पहले, बोनिसा ( सैनबाल ज्वेलरी एल एल पी ) के पार्टनर संकेत बी बियानी ने अपने भाई संदेश बियानी और बहन नेहा मुंद्रा के साथ इस दिशा में कुछ अभूतपूर्व करने सम्बन्धी अपनी बात रखी थी| संकेत कहते हैं , “एक-इंडिया रिंग’ को चांदी (जो हमें शांत रखती है), सोना (जो ‘भारत’ का प्रतीक है), हर राज्य की मिट्टी (जो एकता का प्रतीक है ) और हीरे (भारत का हर नागरिक अपने आप में हीरा है ) का उपयोग हुआ है| यह इस तरीके से बनी दुनिया की पहली ‘ कमिटमेंट रिंग’ है। हमारा लक्ष्य इस वर्ष 7500 से अधिक सैनिकों को यह अंगूठी रूपी तोहफ़ा देना है। चांदी से बनी इस अंगूठी के ऊपर गोल्ड-प्लेटेड ‘भारत’ लिखा हुआ है जो कि हमारे देश को ‘सोने की चिड़िया’ के रूप में दर्शाता है|

“उन्होंने आगे कहा “वैसे तो एक ज्वेलर के रूप में हम लोग शादी-ब्याह वाली ‘वेडिंग रिंग’ के लिए जाने जाते है| इसी दिशा में एक कदम आगे बढ़कर हमने यह विचार किया कि क्यों न ‘कमिटमेंट रिंग’ बनाई जाए जो आगे चलकर हमारे देश की एकता के प्रतीक के रूप में जानी जाएगी| दरअसल, एक पॉडकास्ट सुनते समय पहली बार यह विचार मेरे मन में आया। यह अंगूठी हमारे वीर सैनिकों के प्रति अपना आभार व्यक्त करने का एक माध्यम है| मुझे लगता है कि कमिटमेंट केवल पति-पत्नी या अन्य रिश्तों तक ही सीमित नहीं होता बल्कि अपने देश के लिए भी हमारा कमिटमेंट है| इस अभियान के माध्यम से कोई भी व्यक्ति हमारे सैनिकों को यह ‘कमिटमेंट रिंग” का उपहार दे सकता है और इस तरह इस सफ़र का हिस्सा बन सकता है| इसके लिए आप हमारी वेबसाइट (www.indiaek.com) अथवा हमारे इंस्टाग्राम अकाउंट (Bonisabysanbal) पर जा सकते है, और सैनिकों के लिए यह ‘रिंग रूपी’ उपहार लोगों द्वारा आर्थिक योगदान के माध्यम से भी दिया जा सकता है|

“‘पी.आर.सी के चिकित्सा निदेशक व सचिव, कर्नल डॉ. रतन कुमार मुखर्जी (सेवानिवृत्त) ने कहा, “बोनिसा की यह पहल वाकई में प्रशंसनीय है| मैं उन्हें विशेष तौर से धन्यवाद देना चाहता हूं क्योंकि उन्होंने इस अभियान की पहल हमारे केंद्र के सैनिकों को सम्मानित कर की| यह अंगूठी निश्चित रूप से हमारे सैनिकों के भीतर “पॉजिटिविटी व गौरव” को अत्यधिक मज़बूत करने में मददगार होगी|

राधाकृष्णन, पूर्व-नौसेना अधिकारी ने कहा, “यह हमारे लिए एक बड़े सम्मान की बात है और निश्चित रूप से यह पहल हमारे देश की एकता में चार चाँद लगाती है,”

साथ ही सेना के वयोवृद्ध सिपाही (भूतपूर्व) भोपाल सिंह ने आभार व्यक्त करते हुए युवाओं को मन लगाकर देश का नेतृत्व करने की अपील की|

कार्यक्रम के दौरान जाने-माने जादूगर चंद्रनित शर्मा ने अपने जादू के हुनरसे दर्शकों का खूब मनोरंजन किया|