पटना, 16 जून 2021: केंद्रीय विधि एवं न्याय, संचार तथा सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पटना में जल-जमाव की समस्या पर बिहार सरकार के उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद द्वारा वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से आयोजित की गई वर्चुअल बैठक में भाग लिया। इस बैठक में केन्द्रीय मंत्री प्रसाद के साथ पाटलिपुत्र से सांसद राम कृपाल यादव, दीघा से विधायक संजीव चैरसिया के अतिरिक्त बिहार शहरी अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (बुडको) के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक, पटना नगर निगम के अध्यक्ष तथा अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

इस बैठक में प्रसाद ने पटना शहर और इसके बाहरी इलाकों में जल-जमाव की समस्या के समाधान के संबंध में सुझाव देते हुए कहा कि इस समस्या के समाधान हेतु शहर के छोटे-बड़े नालों की उराही और उनसे गाद हटाने के लिए ठोस कार्य किए जाने की आवश्यकता है।

रविशंकर प्रसाद ने यह भी कहा कि पटना शहर के विकास के लिए ढेर सारी योजनाएं बनाई जाती हैं किंतु उन्हें लागू करने वाली विभिन्न एजेंसियों के बीच तालमेल न होने के कारण आम जनता की परेशानी में कोई कमी नहीं आ पाती। प्रसाद ने संचार लाइनों के कारण होने वाली किसी भी समस्या का हल संचार विभाग के अधिकारियों से निकालने के लिए कहा। केंद्रीय मंत्री  प्रसाद ने कहा कि विशेष तौर पर मीठापुर से बादशाही पईन के नाले से निकलने वाले गाद के नीचे सड़क पर फैल जाने के कारण बरसात के दिनों में आम जनता को होने वाली समस्या के समाधान के लिए पटना नगर निगम द्वारा विगत में काफी अच्छा काम किया गया है किंतु इस दिशा में अभी भी काफी कुछ किए जाने की आवश्यकता है।

रविशंकर प्रसाद ने यह भी कहा कि शहर से जल निकासी के लिए लगाए गए बड़े पम्पों की कार्य क्षमता, पम्प को चलाने के लिए डीजल की उपलब्धता, प्रचालन से जुड़े व्यक्तियों के नाम, उनके संपर्क नंबर, पम्प के रख-रखाव की व्यवस्था आदि से संबंधित स्थिति जनता के समक्ष रखी जानी चाहिए तथा समस्या के समाधान के संबंध में एक वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में जन प्रतिनिधि और जनता के फीड बैक सिस्टम को भी प्रयोग में लाये जाने की जरूरत है। प्रसाद ने यह भी कहा कि शहर की छोटी गलियों में जल-जमाव की समस्या का समाधान करने के लिए छोटे पम्पों की व्यवस्था की जाए। समस्या के समाधान के संबंध में नगर निगम द्वारा दी गई जानकारी के साथ-साथ जनता के सुझाव को भी महत्व दिया जाए। प्रसाद ने कहा कि पटना शहर के गंगा और पुनपुन नदियों से घिरे रहने और अनेक पईनों के कारण बरसात में पटना शहर में अत्यधिक जल-जमाव हो जाता है जिसे रोकने के लिए शहर का पानी बाहरी इलाकों में छोडा जाता है। इससे पटना के फुलवारी शरीफ, दानापुर आदि बाहरी इलाकों में भी जल-जमाव की समस्या हो जाती है जिसके समाधान के संबंध में प्रशासन द्वारा ठोस योजना बनाई जाए। प्रसाद ने कहा कि सरकार द्वारा पटना शहर को जल-जमाव से मुक्त करने के लिए ठोस योजना बनाई जाए क्योंकि जब तक किसी बड़ी योजना को लागू नहीं किया जाएगा तब तक समाधान की स्थिति अस्थाई बनी रहेगी।

प्रसाद ने मंदिरी नाला परियोजना को बिहार सरकार द्वारा स्वीकृत किए जाने पर अपनी प्रसन्नता जाहिर की। रविशंकर प्रसाद ने कहा कि प्रेमचंद रंगशाला के बगल से चलने वाले सैदपुर नाले को कवर करके गायघाट तक एक समांतर सड़क बनाई जाए जो काफी उपयोगी सिद्ध होगी। पटना शहर के विकास के लिए योजनाएं लगातार बनाई जाती हैं जो एक अच्छी बात है किंतु बड़ी योजना के अच्छे प्रभाव व जल-जमाव पर उसके कुप्रभाव के बीच संतुलन रखा जाए, इसके लिए विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय की आवश्यकता है। आर ब्लाक से दीघा तक फोर लेन सड़क का निर्माण एक प्रशंसनीय कार्य है, किंतु यहां पईन और रेलवे लाईन के नीचे पानी की निकासी लाईन के भर जाने के कारण शिवपुरी आदि 3-4 लाख की आबादी वाले आवासीय इलाकों में जल-जमाव की समस्या अत्यधिक गंभीर बनी हुई है, जिसके समाधान के लिए विभिन्न एजेंसियों के बीच समन्वय की आवश्यकता है। इसलिए आवश्यक है कि परियोजना को तैयार करते समय ही उसके क्रियान्वयन के कारण उत्पन्न होने वाली कुछ कठिनाइयों के समाधान की दिशा में भी सोचा जाए।

प्रसाद ने उप मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि शहर के विकास के लिए ऐसा कार्यक्रम तैयार किया जाए कि सड़क की कटाई, नाला काटने आदि का काम करने वाली एजेंसियों के बीच आपसी तालमेल हो।