जम्मू, 24 जून, 2021: जम्मू-कश्मीर के मामले में पाकिस्तान को भी बातचीत में शामिल करने के महबूबा मुफ्ती के प्रस्ताव का जम्मू में विरोध शुरू हो गया है। गुरुवार को जम्मू में डोगरा फ्रंट नाम के संगठन से जुड़े लोग सड़कों पर उतर गए और महबूबा मुफ्ती के विरुद्ध प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि इस बयान के लिए महबूबा को जेल जाना चाहिए था। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “यह आंदोलन महबूबा मुफ्ती के बयान के खिलाफ है, जो उन्होंने गुपकार गठबंधन दलों की मीटिंग के बाद दिया था। उनका कहना था कि कश्मीर के मामले पर पाकिस्तान भी एक पार्टी है और उससे बातचीत की जानी चाहिए। उनके इस बयान के लिए उन्हें  जेल भेजा जाना चाहिए।”

पीडीपी की नेता और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को यह बयान दिया था। आज वह कश्मीर के मुद्दे को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से बुलाई गई सर्वादलीय बैठक में हिस्सा लिया। उनके अलावा इस बैठक मे नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला और कांग्रेस के नेता भी हिस्सा लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से जम्मू-कश्मीर के 8 राजनीतिक दलों के 14 नेताओं को बैठक मे आमंत्रित किया गया है। जम्मू कश्मीर से 5 अगस्त. 2019 को आर्टिकल 370 और 35A को हटा दिया गया था। इसके बाद केंद्र की ओर से वहां के राजनीतिक दलों के साथ यह पहली बैठक होगी।

जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा वाले राज्य से हटाए  जाने तथा उससे संबंधित विशेष अनुच्छेद को निरस्त किये जाने का विरोध कर रहे गुपकार गठबंधन के नेताओं ने सर्वदलीय बैठक में भाग लेने के प्रधानमंत्री के निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। उनका एक दल नेशनल कांफ्रेन्स के नेता फारूक अब्दुल्ला तथा पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती की अगुवाई में इस बैठक में हिस्सा लेगा। कांग्रेस ने भी कहा है की है ओर से वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद बैठक में हिस्सा लेंगे।