नई दिल्ली, 16 जून 2021: लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) में हुए सियासी लड़ाई के बाद चिराग पासवान ने कहा कि बागियों के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ने के लिए वे तैयार हैं। बुधवार को मीडिया से बात करने के दौरान चिराग पासवान ने अपने उस फैसले का भी बचाव किया जिसमें पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले मैदान में उतरी थी।

बता दें कि चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस चार अन्य सांसदों के साथ पार्टी में बगावत पर उतर गए हैं। चिराग पासवा ने चाचा पशुपति पारस के बारे मे कहा कि अगर उन्होंने मुझसे कहा होता, तो मैं उनको पार्टी के संसदीय बोर्ड का प्रमुख बना देता। चिराग पासवान ने कहा कि बागी ग्रुप ने किसी को अपना अध्यक्ष कैसे चुना, इसको लेकर हमें लंबी लड़ाई लड़नी पड़ सकती है।

चिराग पासवान ने कहा कि कुछ लोग हमारी पार्टी को उस वक्त भी तोड़ना चाहते थे, जब मेरे पिता अस्पताल में थे। चिराग ने कहा, “तब मेरे पिता ने पार्टी के नेताओं से यह बात कही थी। उन लोगों में मेरे चाचा पशुपति नाथ पारस भी शामिल थे। कुछ लोग संघर्ष के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन हमें उससे गुजरना होगा।” इसके अलावा चिराग पासवान ने खुद को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद और संसदीय दल के नेता की जिम्मेदारी से हटाए जाने पर भी विरोध जताया।

चिराग पासवान ने कहा, “सदन के नेता का चुनाव ससंदीय समिति का फैसला होता है। मौजूदा सांसद इस बारे में फैसला नहीं ले सकते। ऐसी खबरें हैं कि मुझे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया है। लेकिन पार्टी के संविधान के हिसाब से राष्ट्रीय अध्यक्ष तभी अपने पद से हट सकता है, जब उसकी मौत हो गई हो या फिर उसने खुद इस्तीफा दे दिया हो।