पटना, 3 जून 2021: राजधानी पटना के इंदिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) में कोरोना का अजीब मामला सामने आया है। छपरा का आठ वर्षीय बच्चा, जिसकी आरटी-पीसीआर और एंटीजन रिपोर्ट निगेटिव, लेकिन सिटी स्कैन में फेफड़े 90% तक संक्रमित था। यही नहीं लिवर और किडनी भी संक्रमित थे। आश्चर्य की बात यह है कि बच्चे के परिवार में किसी को कोरोना नहीं हुआ है। ऐसे में बच्चा कैसे संक्रमित हुआ, डॉक्टर आश्चर्य में हैं।

डॉक्टरों को यह भय है कि कही ये कोरोना संक्रमण कि तीसरी लहर के लक्षण तो नहीं है। इससे पहले दरभंगा मेडिकल  कॉलेज में एक परिवार के तीन बच्चों कि मौत संदिग्ध हालात में हो चुकी है। आईजीआईएमएस के चिकित्साध्यक्ष डॉ. मनीष मण्डल ने बताया कि छपरा के बच्चे को खांसी, बुखार व सांस फूलने की समस्या थी। बच्चे को 22 मई को इमरजेंसी में भर्ती  कराया गया। उनके परिवार में अब तक कोई कोरोना संक्रमित नहीं हुआ। बच्चे  की भी आरटी-पीसीआर और एंटीजन रिपोर्ट निगेटिव थी। जबकि सीटी स्कैन का स्कोर 22/25 यानी बच्चे का 90 प्रतिशत फेफड़ा कोविड से संक्रमित हो चूका था। समान्यतः कोरोना संक्रमण में बच्चे का फेफड़ा ही काम करना बंद करता है। वहीं, इस बच्चे में फेफड़े के साथ लिवर व किडनी में भी संक्रमण था।

इसे कोविड के तीसरे चरण की आशंका मानते हुए डॉक्टरों ने एंटीबायोटिक के आलावा रेमडेसिविर, नेबुलाइजेशन के साथ 16 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन पर रख कर इलाज किया। संक्रमण के नए रूप को देखते हुए बच्चे को पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट के अलग कक्ष में रखकर उपचार किया गया। अब बच्चा खतरे से बाहर है। लिवर व किडनी सामान्य हो चुकी है फेफड़े भी संक्रमण कम है। ऑक्सीजन फ्लो 16 लीटर  प्रति मिनट से घटा कर 8 कर दी गई है।