नई दिल्ली, 27 मई, 2021: कोरोना से उबर रहे एक बैंक कर्मी की छुट्टी मंजूर नहीं हुई तो वह ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ काम पर पंहुचा। मामला बोकारो के सेक्टर स्थित पंजाब नेशनल बैंक का है।

लेकिन बैंक वालो का यह कहना है कि अरविंद कुमार के खिलाफ विभागीय जाँच चल रही है और लोन अकाउंट एनपीए होने के मामले में रिकवरी की कार्यवाही बंद करवाने के लिए उन्होंने यह सब किया है। बैंक ने अपने बयान में बताया है कि यह कहना गलत है कि कोरोना से ठीक होने के दौरान बैंक आने के लिए बाध्य किया गया है।

अरविंद ऑक्सीजन सिलेंडर लगाए अपनी पत्नी और बेटे के साथ बैंक पहुँचे। उसके परिवार ने एक वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर डाला है। यह वीडियो वायरल होने लगा, जिसमें अरविंद ऑक्सीजन सिलेंडर लगाए हुए बैंक की शाखा में जाते दिख रहे हैं। वह एक अधिकारी के केबिन में  पहुँचे, जहाँ उनके परिवार और बैंक अधिकारी के बीच काफी बहस होती दिख रही है। वीडियो के अंत में वे लोग मैनेजर से पूछते है की उन्हें प्रताड़ित क्यों किया जा रहा है। अरविंद कहते हैं ‘मैं बीमार हूं और मेरी हालत गंभीर है। डॉक्टरों ने कहा है मुझे रिकवर होने में तीन महीने लगेंगे क्योंकि संक्रमण फेफड़ों में फैल चूका है।’ उन्होंने बैंक से वेतन भुगतान करने की मांग की।

परिवार के एक सदस्य के अनुसार बैंक अधिकारियों ने उनकी छुट्टी मंजूर नहीं की तो उन्होंने इस्तीफा दे दिया मगर इसे भी स्वीकार नहीं किया गया। अब बैंक वेतन काटने की धमकी दे हा है। जिसकी वजह से अरविंद को ऑक्सीजन सिलेंडर के साथ काम पर आने के लिए मजबूर होना पड़ा। बाद मे अरविंद को घर वापस भेज दिया गया।

पंजाब नेशनल बैंक के बयान के अनुसार, “अरविंद ने यह सब अपने खिलाफ जाँच को रुकवाने और तथा एनपीए लोन एकाउंट्स की रिकवरी की कार्यवाही रुकवाने के लिए किया है। पीएनबी ने यह भी दावा किया है कि अरविंद मैनेजर के पद पर हैं और उन्होंने इस्तीफा दिया था, मगर विभागीय जाँच होने की वजह से उसे स्वीकार नहीं किया गया। इसके अलावा अरविंद बिना पूर्व अनुमति के दो साल से अधिक तक बैंक से अनुपस्थित रहे हैं।”