बिलासपुर, मई 5, 2021: छत्तीसगढ़ में टीकाकरण में आरक्षण को लेकर दायर याचिका पर मंगलवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। हाई कोर्ट ने वैक्सीनेशन पर आरक्षण पर सख्त विरोध जताया है। कोर्ट ने यह बात साफ की है कि टीकाकरण में इस तरह का भेदभाव सही नहीं है। उन्होंने राज्य को यह निर्देश दिया कि वे दो दिनों में नई नीति बनायें। ज्ञात हो कि सरकार ने राज्य मे पहले अंत्योदय कार्डधारी इसके बाद बीपीएल कोटा वाले और इसके बाद एपीएल वाले लोगों का टीकाकरण करने का फैसला किया है।

हाई कोर्ट हुई याचिका दर्ज

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोशी ने इस मामले के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने हाई कोर्ट में लंबित जनहित याचिका पर इसको हस्तक्षेप याचिका मानकर सुनवाई करने का अनुरोध किया हैं। बता दें कि इस तरह से आरक्षण के मामले को लेकर पांच से अधिक हस्तक्षेप याचिका दायर की गई है, जिस पर मंगलवार को हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू के द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई की गई।

अधिवक्ताओ ने आरक्षण को लेकर जताई आपत्ति

सुनवाई के दौरान किशोर भादुड़ी सहित अन्य एडवोकेट ने टीकाकरण पर आरक्षण लगाए जाने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा की विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) ने भी वैक्सीनेशन को लेकर कई प्राथमिकताएं तय की हैं, मगर उनमें आरक्षण जैसी कोई बात नहीं हैं। सरकार ने लोगों के संवैधानिक अधिकारों का हनन किया हैं। सुनवाई में एडवोकेट जनरल सतीशचंद्र वर्मा ने सरकार का पक्ष रखा। दोनों पक्षो को सुनने के बाद हाई कोर्ट ने सरकार को नई नीति बनाने का निर्देश दिया हैं।